क्या आप किसानों के साथ हो या खि़लाफ़? कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केजरीवाल को पंजाब के संशोधन बिलों संबंधी किये सवालों के बाद पूछा

Captain Amrinder Vs Arvind Kejriwal
आपको दोष नहीं दे सकते क्योंकि आप वास्तव में राज्य के मुख्यमंत्री नहीं हो; कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केजरीवाल पर चुटकी लेते हुए कहा
केजरीवाल को संविधान पढऩे के लिए कहा जो राज्यों को केंद्रीय कानूनों में संशोधन करने की आज्ञा देता है
चंडीगढ़, 21 अक्तूबर:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा संवैधानिक और कानूनी उपबंधों को जांचे बिना पंजाब विधानसभा में कल पास किये संशोधन बिलों की कानूनी हैसियत पर सवाल करने पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को अपने दिल्ली के हमरुतबा को पूछा, ‘‘क्या आप किसानों के साथ हो या खि़लाफ़?’’
विधानसभा में सर्वसम्मति के साथ पास किये संशोधन बिलों के प्रभाव बारे केजरीवाल की तरफ से शंका ज़ाहिर करता ट्वीट करने पर प्रतिक्रिया देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इससे दिल्ली के मुख्यमंत्री की पूरी नासमझी नजऱ आती है। राज्स के साथ सम्बन्धित मसलों बारे केजरीवाल को ज्ञान की कमी होने बारे उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यह अलग बात है कि केजरीवाल को इस नासमझी के लिए दोष नहीं दे सकते क्योंकि दिल्ली वास्तव में राज्य है ही नहीं जिसके परिणामस्वरूप ऐसे मुख्यमंत्री के तौर पर एक राज्य को चलाने के लिए कानूनी नुक्तों की समझ नहीं है।
हालाँकि पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उम्मीद करते थे कि ऐसी टिप्पणियाँ करने से पहले केजरीवाल ने इन कानूनों बारे थोड़ा बहुत होम वर्क किया होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने खेती कानूनों बारे अपने विचार किसानों के हित में ज़ाहिर किये थे और वह सोचते थे कि शायद आप भी ऐसा ही सरोकार ज़ाहिर करते।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वह सोचते थे कि आम आदमी पार्टी के नेता को अपने संविधान बारे भी कुछ पता होगा जिसमें यह स्पष्ट तौर पर दर्ज है कि धारा 254 (ढ्ढढ्ढ) के अंतर्गत राज्य स्थानीय और अन्य सम्बन्धित आवश्यकता अनुसार केंद्रीय कानून में संशोधन कर सकते हैं जैसे कि कई मामलों ख़ास तौर पर सी.पी.सी. और सीआर.पी.सी. कानूनों में किया गया। उन्होंने केजरीवाल को कहा कि शायद अब इसकी जांच कर सकते हो।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार के बिलों पर सवाल उठाने की बजाय केजरीवाल के लिए यह बेहतर होगा कि वह ‘अपनी आई.टी. मानसिकता से बाहर आएं’ और वह अपने पंजाब के यूनिट को कहें कि हमारे बिलों पर समर्थन करने का दिखावा करने की बजाय किसानों के हकों के लिए राज्य सरकार की लड़ाई में साथ दें। उन्होंने केजरीवाल को कहा कि गेंद अब आपके पाले में है कि आप किसानों के हक में खड़े हो या विरोध में खड़े हो। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पंजाब के संशोधन बिलों के मसले पर स्पष्ट तौर पर स्टैंड लेने की चुनौती दी क्योंकि आप के विधायक विधानसभा में सरकार का पक्ष लेते हैं और सदन से बाहर इसकी निंदा करते हैं जिससे इसका दोगला किरदार जग ज़ाहिर हो गया।