नौदीप कौर की रिहाई के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग तत्काल दख़ल दे-अरुणा चौधरी

Punjab Social Security, Women and Child Development Minister Mrs. Aruna Chaudhary
नौदीप को कानूनी सहायता मुहैया करेगी पंजाब सरकार
चंडीगढ़, 11 फरवरी:
पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी ने गुरूवार को राष्ट्रीय महिला आयोग को कामगारों के हकों के लिए संघर्षशील नौदीप कौर की रिहाई के लिए तत्काल दख़ल देने की अपील की। मज़दूर अधिकार संगठन की पंजाब से सम्बन्धित 23 वर्षीय सदस्य नौदीप को कुंडली (हरियाणा) में शांतमयी किसान प्रदर्शनों में शामिल होने के दोष अधीन 12 जनवरी को गिरफ़्तार किया गया था। गिरफ़्तारी के बाद हुए डॉक्टरी मुआयने में उसके गुप्त अंगों पर चोटों का पता चला था।
श्रीमती चौधरी ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा की भाजपा सरकार पहले दिन से किसान आंदोलन को कमज़ोर व ख़त्म करने के लिए काम कर रही है। अपनी, दबाव डालने वाली हरकतों और केंद्र सरकार के इशारे पर हरियाणा सरकार ने नौदीप कौर और अन्य मज़दूरों को ज़बरदस्ती उठाया, जबकि वह किसान संघर्ष के दौरान शांतमयी प्रदर्शन कर रहे थे। नौदीप पर धारा 307 (कत्ल की कोशिश) और फिरौती का दोष लगाया गया है, जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार नौदीप कौर को जल्द राहत देने के लिए कानूनी सहायता मुहैया करेगी। उन्होंने केंद्रीय महिला आयोग को भी अपील की कि पंजाब सरकार, पंजाब राज्य महिला आयोग के द्वारा नौदीप कौर को कानूनी सहायता मुहैया करेगी। इसलिए हरियाणा सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह पंजाब राज्य महिला आयोग के प्रतिनिधिमंडल की नौदीप कौर के साथ मुलाकात का प्रबंध करे।
उन्होंने कहा कि परिवार के मुताबिक पुलिस हिरासत में पंजाबी ट्रेड यूनियनिस्ट नौदीप कौर की अस्मिता के साथ खिलवाड़ हुआ है और उसे चार हफ़्तों के बाद भी ज़मानत नहीं दी गई, जो समूचे महिला वर्ग के लिए दिल दहला देने वाली घटना है। शांतमयी प्रदर्शनकारी औरतों का शोषण लोकतंत्र और सभ्यक समाज का मज़ाक है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में नागरिकों को मिले लोकतांत्रिक हकों की केंद्र सरकार लगातर उल्लंघना कर रही है और शांतमयी प्रदर्शनकारियों पर देश विरोधी आरोप लगाकर जेलों में डाला जा रहा है, जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि नौदीप कौर की गिरफ़्तारी के बाद हुई उसकी डाक्टरी जाँच में उसके गुप्त अंगों और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चोटों के निशानों का पता चला है। इससे पुष्टि होती है कि पुलिस हिरासत में उसका शारीरिक शोषण हुआ है।