पंजाबियों को आश्वासन दिया कि शिरोमणी अकाली दल ‘भाईचारक सांझ’ को बनाए रखने का भरसक प्रयास करेगा

Sukhbir singh Badal.

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने अकाली कार्यकर्ताओं, किसानों और लोगों के प्रति आभार जताया जिन्होने शिरोमणी अकाली दल के किसान मार्च में हिस्सा लिया और समर्थन किया

कहा कि अन्नदाता के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए लड़ाई की शुरूआत है और पार्टी आने वाले दिनों में इस संघर्ष को व्यापक रूप देगी

चंडीगढ़/02अक्टूबर: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज अकाली कार्यकर्ताओं के साथ साथ किसानों, खेत मजदूरों और जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होने कल तीनों तख्तों से लेकर राज्य की राजधानी तक पार्टी के किसान मार्च का अपना पूरा समर्थन दिया।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि ‘राज्य के इतिहास में पहले कभी भी किसी पार्टी के कार्यक्रम को इस तरह से भरपूर स्वागत नही किया गया है। श्री अमृतसर साहब, श्री तलवंडी साबो व श्री आनंदपुर साहिब से दो लाख अकाली वर्करों ने मार्च में भाग लिया, वहीं ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के हजारों लोगों ने मार्ग के साथ सड़कों पर उतरकर काफिले का स्वागत किया। ‘ यह शिरोमणी अकाली दल के लिए समर्थन के कारण तथा साथ ही किसान, खेत मजदूरों और आढ़तियों के कारण ही यह मार्च श्री अमृतसर साहिब से कल राज्य की राजधानी के बाहरी इलाके तक पहुंचने में तेरह घंटे लग गए’।

उन्होने कहा कि अकाली कार्यकर्ताओं ने किसानों और गरीबों के साथ एकजुटता व्यक्त करने तथा समृद्ध तथा गौरवशाली परंपराओं का पालन किया है। यदि केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आवाज नही सुनी जाती है और हाल ही में पारति कृषि काले कानूनों को रदद करके न्याय सुनिश्चित नही किया जाता है तो हम इस संघर्ष को दिल्ली तथा देश के अन्य भागों में ले जाकर व्यापक आधार से संकोच नही करेंगे।

किसान मार्च को दिए गए समर्थन के लिए पंजाबियो का शुक्रिया अदा करते हुए शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष ने उन्हे यह भी आश्वासन दिया कि वह सरदार परकाश सिंह बादल और दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रतिपादित पंजाबियत की अवधारणा के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक दशक से अधिक समय तक चले संघर्ष के बाद पंजाब में शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द्र कायम हो गया था। सरदार बादल ने कहा कि ‘भाईचारक सांझ’ को बनाए रखने के लिए अकाली दल भरसक प्रयास करेगा और इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कोई भी बलिदान बहुत बड़ा नही है।