पीएयू में कार्यक्रम के दौरान डाॅ.  सुरजीत पातर और डॉ. मनजीत सिंह कंग को समर्पित पुरस्कारों की घोषणा

डॉ.  सुरजीत पातर और डॉ.  मनजीत सिंह कंग को श्रद्धांजलि
डॉ. बलविंदर सिंह लक्खेवाली द्वारा लिखित पुस्तक “गुरु नानक बानी विच कुदरत” भी डॉ. सुरजीत पातर को समर्पित
अलग-अलग शख्सियतों ने किया डॉ.  सुरजीत सिंह पातर और डॉ.  मनजीत सिंह कंग को याद
लुधियाना: 16 जून 2024
सोसायटी फॉर कंजर्वेशन एंड हीलिंग ऑफ एनवायरमेंट (सोच) ने मां बोली के पंजाबी प्रसिद्ध कवि और लेखक डॉ. सुरजीत पातर और प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एवं पीएयू के पूर्व कुलपति डाॅ.  मनजीत सिंह कंग को समर्पित पुरस्कारों की घोषणा आज पंजाब खेतीबाड़ी युनिवर्सिटी स्थित श्री गुरुद्वारा साहिब में श्री सुखमनी साहिब के पाठ के बाद की गई।  इस अवसर पर डाॅ.  पातर और डॉ.  कंग से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए, पुणे श्रद्धांजलि भेंट की गई, जो सोच संस्था के सलाहकार थे।  इसके अलावा, सोच संस्था के प्रमुख डॉ.  बलविंदर सिंह लक्खेवाली द्वारा लिखित पुस्तक “गुरु नानक बानी विच कुदरत” भी डॉ. पातर को समर्पित की गई।
इस अवसर पर श्री सुखमनी साहिब के पाठ के भोग डालकर वाहेगुरु के समक्ष अरदास के बाद समारोह की शुरुआत हुई।  इसके बाद कीर्तन के उपरांत कार्यक्रम में उपस्थित समूह को डॉ. सुरजीत पातर और डॉ.  मनजीत सिंह कंग को श्रद्धांजलि भेंट की गई।
डॉ. बलविंदर सिंह लक्खेवाली ने सोच संस्था के साथ डा. पातर और डा. कंग के गहरे संबंधों का जिक्र किया, जो संस्था के सलाहकार होने के अलावा समाज में ऊंचा दर्जा भी रखते थे। उन्होंने कहा कि इन दो प्रतिष्ठित हस्तियों की प्रेरणा से संगठन ने पर्यावरण संरक्षण सहित लोकहित से जुड़े कई अन्य लक्ष्यों पर काम करना शुरू किया।  उनके विचार सदैव हमारे बीच विद्यमान रहेंगे।
फिल्म अभिनेता मलकीत सिंह रोनी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि डाॅ.  पातर और डॉ.  कंग जैसी शख्सियतें दुनिया में कम ही पैदा होती हैं और युगपुरुष कहलाती हैं।
इसी प्रकार डॉ.  सुरजीत पातर के छोटे भाई उपकार सिंह ने बताया कि वह डाॅ.  पातर की लिखावट और उनके रहन-सहन से बहुत प्रभावित हुए।  इसका कारण यह नहीं है कि वह छोटे भाई हैं, बल्कि उनका लेखन की प्रेरणा थी और जीवन जीने का तरीका बहुत अलग था।
डॉ. रणजीत सिंह तांबड़ ने कृषि क्षेत्र में डा कंग के बहुमूल्य योगदान को याद किया और कहा कि डॉ.  कंग ने पंजाब की कृषि को अमेरिका के स्तर तक आगे बढ़ाने का काम किया।  इसी प्रकार उन्होंने डाॅ.  साहित्यिक क्षेत्र में डा पातर एवं डाॅ.  रंधावा से लेकर अब तक के अपने सफर के बारे में बात की।
वहीं पर, फिल्म अभिनेता गुरप्रीत सिंह घुग्गी ने भावुक होते हुए कहा कि डाॅ.  पातर की लिखावट हमेशा हमारे साथ रहेगी।  हालाँकि, उनके जाने से साहित्य के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्षति हुई है, जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती।
इस दौरान संत बाबा गुरुमीत सिंह जी ने प्रकृति और बाबा नानक के रिश्ते का जिक्र किया। इस अवसर पर डॉ. सुरजीत पातर के परिवार के सदस्यों और समूह शख्सियतों ने मिलकर डॉ. बलविंदर सिंह लक्खेवाली की पुस्तक “गुरु नानक बानी विच कुदरत” को डा पातर को समर्पित किया। जिनके द्वारा फिल्म अभिनेता गुरप्रीत घुग्गी और डीएमसी अस्पताल के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.  गुरप्रीत वांडर को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया, जो आज से सोच संस्था के सलाहकार की भूमिका निभाएंगे और जनहित में चल रहे कार्यों को आगे बढ़ाएंगे।
अंत में नगर निगम जोन-डी के जोनल कमिश्नर जसदेव सिंह सेखो ने कार्यक्रम में भाग लेने वाली सभी हस्तियों का धन्यवाद किया।
जहां, अन्य के अलावा, डॉ.  सुरजीत पातर के परिवार के सदस्य, ब्रजमोहन भारद्वाज, सोच एनजीओ के चरणदीप सिंह, अमरजीत सिंह धामी, डॉ. मनमीत कौर, विकास शर्मा, सरबजीत कौर, राहुल कुमार भी मौजूद थे।