सरदार मजीठिया ने तरनतारन एसएसपी को नकली शराब के बारे कोई शिकायत नही  मिलने के मुख्यमंत्री के दावे का पर्दाफाश किया

bikram singh majhitia

सरदार मजीठिया ने तरनतारन एसएसपी को नकली शराब के बारे कोई शिकायत नही  मिलने के मुख्यमंत्री के दावे का पर्दाफाश किया

कहा कि मुख्यमंत्री दहिया के  जालंधर नकदी जब्ती मामले में पुलिस अधिकारी के बारे अपने मूल्यांकन को ताजा करें

कहा कि राज्य के प्रत्येक गांव में डीजीपी द्वारा 12,700 पुलिस कर्मियों की तैनाती के बावजूद हादसा हुआ है

कहा कि विवादास्पद पुलिस अधिकारियों को दिए गए सम्मान की वजह से मोगा में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान जैसी घटनाएं हुई

चंडीगढ़/14अगस्त: पूर्व मंत्री तथा शिरोमणी अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस दावे को उजागर किया कि पूर्व एसएसपी तरनतारन ध्रुव दहिया के अपने निजी व्हाट्स एप नंबर पर स्थानीय नागरिकों द्वारा सौंपी गई दो लिखित शिकायतों को जारी कर जहरीली शराब त्रासदी के बारे कोई शिकायत नही मिली थी।

तरनतारन में अवैध शराब के निर्माण और वितरण के बारे में ब्यौरा देने के साथ 14 और 16 जून को एसएसपी को भेजी गई दो शिकायतों को जारी करते हुए सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री एक दागी पुलिस अधिकारी के समर्थन का भरपूर बचाव कर रहे थे , जिसपर  पहले खन्ना में दिन दिहाड़े डकैती का आरोप था और जिसके कारण तरनतारन में सौ से अधिक निर्दोष लोगों की मौत हुई थी। उन्होने कहा कि ‘मुख्यमंत्री को विवादास्पद पुलिस अधिकारी का संरक्षण करने में अपनी मजबूरी को बताना चाहिए।

सरदार मजीठिया ने कहा कि कैप्टन ने दहिया का बचाव करने की कोशिश करते हुए बिल्ली को थैले से बाहर जाने दिया था  तथा उन्होने पुलिस अधिकारी को देसी निर्मित शराब के निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली लाहन की भारी मात्रा में वसूलने का श्रेय दिया। इसका साफ मतलब यह है कि दहिया ने नकली शराब के निर्माण में इस्तेमाल करी जाने वाली स्पिरिट का ठीक करने के लिए कुछ नही किया जिससे सौ से अधिक मौतें हुई। उन्होने कहा कि तरनतारन पुलिस ने खेमकरण के विधायक सुखपाल भूल्लर के करीबी सहयोगी रहे अवैध शराब के निर्माता सुक्खा महमूदपुरिया के खिलाफ कार्रवाई की। अगर एसएसपी दहिया ने त्रासदी से पहले अपनी डयूटी की होती तथा स्थानीय नागरिकों की शिकायतों पर , जिन्होने शराब माफिया द्वारा इस्तेमाल की जाने वाले वाहनों के नाम लाइसेंस प्लेट नंबर भी दिए थे कार्रवाई की होती तो यह बड़ी त्रासदी टल सकती थी।

सरदार मजीठिया ने मुख्यमंत्री को खन्ना में एक ईसाई पादरी के साथ दिन दिहाड़े डकैती में दहिया की भूमिका के बारे में याद दिलया , जब वह वहां एसएसपी के तौर पर सेवारत थे ताकि उन्हे एसएसपी के मूल्यांकन के बारे याद आ जाए। उन्होने कहा क दहिया ने दोराहा में  रेड किए जाने के दौरान जांलदर में भी छापे मारे और हवाला में 9.66 करोड़  बरामद किए गए । सच्चाई यह थी कि 16.66 करोड़ रूपये अवैध रूप से जब्त किए गए थे और खन्ना पुलिस ने एक पुलिस टीम के दो चुने हुए अधिकारियों को विशेष रूप से दहिया द्वारा डीजीपी से इस राशि से लगभग सात करोड़ की हेराफेरी की थी। पुलिस द्वारा गठित एसआईटी ने दहिया को दोषी ठहराया था और उसपर मोहाली की एक अदालत मे हलफनामा दायर करते हुए लोगों को अवैध हिरासत में रखने का भी आरोप लगाया। इस सबके चलते चुनाव आयोग द्वारा खन्ना से दहिया को हटा दिया गया इस मामले में अभी भी 1.5 करोड़ की वसूली की जानी  है।

सरदार मजीठिया ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को भी यह याद दिलाया कि इस वर्ष 15फरवरी को इस घोषणा के बावजूद यह त्रासदी हुई थी कि राजय के 12,7.00 गांवों में प्रत्येक गांव में पुलिस कर्मी की नियुक्ति की गई थी। उन्होने कहा कि डीजीपी को बताना चाहिए कि राज्य के किसी भी गांव में तैनात 12,700 पुलिस कर्मियों में से किसी ने भी जहरीली शराब के बारे में जानकारी क्यों नही दी? उन्होने पूछा कि क्या वे शासन के संरक्षक की तरह सो रहे थे यां उन्हे शराब माफिया के रास्ते में न आने के लिए कहा गया था?

अकाली नेता ने मुख्यमंत्री से विवादस्पद पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक नियुक्तियों को श्रेष्ठता ने देने की  मांग करते हुए कहा जिन्होेने मोगा में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था वह खडूर साहिब से कांग्रेस सांसद के भाई को महत्वपूर्ण पद सौपें जाने का सीधा परिणाम था। उन्होने कहा कि मनदीप सिद्धू का तबादला एसएसपी पटियाला के रूप में किया गया था क्योंकि वह कांग्रेस विधायक मदन लाल जलालपुर और हरदयाल सिंह कंबोज को रोकने की कोशिश कर रहे थे।