:- बुलेटप्रूफ होकर चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं प्रदेश अध्यक्ष
चंडीगढ़, 18 अगस्त। हरियाणा को पहली बार पढ़ी-लिखी पंचायत देने वाली भारतीय जनता पार्टी आगामी पंचायती राज चुनावों को लेकर तैयारियों में जुट गई है। प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ अभेद रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने पंचायती चुनाव को लेकर बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। हर घर तिरंगा अभियान से पहले शक्ति केंद्र प्रमुखों की कार्यशालाओं में भी प्रदेश अध्यक्ष का जोर आगामी पंचायत चुनाव पर रहा था और अब विशेष रूप से चुनाव को लेकर ही पार्टी के नेताओं से चर्चा कर रहे हैं। चुनाव पार्टी चिन्ह पर लड़ा जाए या नहीं इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री व वरिष्ठ नेताओं को कार्यकर्ताओं से सलाह करके रिपोर्ट तैयार करने को कहा है और इस विषय पर 24 अगस्त को एक बैठक भी बुलाई गई है। गुरुग्राम में होने वाली इस बैठक पर सभी की नजर रहेगी।
नगर निकाय चुनाव में मिली शानदार सफलता से गदगद भाजपा अब पंचायत चुनाव में भी बुलेटप्रूफ होकर मैदान उतरना चाहती है, यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष ने पंचायत चुनाव के निमित प्रदेश के दिग्गज नेताओं की ड्यूटी लगाई है। प्रदेश प्रभारी के रूप में खुद कृषि मंत्री जेपी दलाल को पंचायती राज चुनाव की कमान सौंपी है और सभी जिलों में भी प्रभारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। भाजपा सिंबल पर लड़े या ना लड़े लेकिन भाजपा नेताओं का प्रयास अधिकांश पंचायतों से अपने खेमें के लोगों को जीतने का रहेगा और पार्टी इसके लिए पूरा जोर लगाने में अभी से लग गई है। निकाय चुनाव के रिजल्ट से उत्साहित भाजपा नेताओं को अपनी सरकार के कार्यों और अपने संगठन की कार्यशैली पर पूरा विश्वास है और इसी को लेकर पंचायत चुनाव में भी जनता के बीच जाने के लिए कार्यकर्ताओं को कहा जा रहा है। खुद ओम प्रकाश धनखड़ हर बैठक व कार्यशालाओं में यह कहना नहीं भूलते कि कार्यकर्ताओं को सरकारी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा जनता तक पहुंचाने का कार्य करना चाहिए। हरियाणा सरकार के सात साल और केंद्र सरकार के 8 साल पूरे होने पर भाजपा की तरफ से किये गए कामों को जनता के बीच लेकर पहुंचा गया। यहां तक कि कार्यों पर बनाई गई बुकलेट भी 17 लाख लोगों तक पहुंचाई गई। भाजपा नेताओं को यह भी विश्वास है कि प्रदेश की जनता केंद्र व प्रदेश सरकार के कार्यों से खुश है और इसी का लाभ उन्हें निकाय चुनाव में मिला और अब पंचायत व जिलापरिषद के चुनाव में भी पूरा लाभ मिलेगा।
प्रदेश अध्यक्ष निकाय चुनाव में ट्रिपल इंजन की सरकार का नारा लेकर चले थे और अब भी ऐसा ही कुछ नारा भाजपा की तरफ से सामने आ सकता है। हालांकि 24 अगस्त को गुरुग्राम में होने वाली बैठक में क्या निकलता है यह देखने वाली बात होगी, लेकिन इतना तय है कि संगठनात्मक दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह विपक्ष पर हावी रहेगी। इसके अलावा भाजपा सरकार के पारदर्शिता से किये गए कार्यों का असर भी जनता पर दिखाई देता है और इसका परिणाम चुनाव में दिखना स्वाभाविक है।
मीडिया प्रमुख डा. संजय शर्मा ने बताया कि हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ की अगुवाई में 2 अगस्त से 11 अगस्त तक शक्ति केंद्र प्रमुखों की कार्यशालाओं का दौर शुरू हो गया था। प्रदेश अध्यक्ष ने सभी कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनाव कैसे जीता जाए उसका गणित कार्यकर्ताओं को समझा दिया था। सभी बूथों पर 55 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल करने का टारगेट धनखड़ ने कार्यकर्ताओं को दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जानता पाटी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की सोच के साथ चुनाव के मैदान में उतरेगी।
शर्मा के मुताबिक सरकार की नीतियों को जनता तक पहुंचाने में शक्ति केंद्र अहम कड़ी है। हरियाणा में भाजपा के करीब 6 हजार शक्ति केंद्र हैं जिन्हें सक्रिय कर दिया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस को भाजपा का बढ़ता जनाधार हजम नहीं हो रहा। इसलिए वह भाजपा की जनकल्याणकारी नीतियों का विरोध करती है। भाजपा चाहती थी कि पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण दिया जाए, लेकिन कांग्रेस के विरोध के चलते भाजपा को अपने कदम पीछे करने पड़े। भाजपा जनता के हित के लिए सदैव सकारात्मक सोचती है, इसलिए पूरे देश में पहली बार हरियाणा में भाजपा ने पढ़ी लिखी छोटी सरकार प्रदेश को दी।
शर्मा ने बताया कि चुनाव पार्टी चिन्ह पर लड़ा जाए या नहीं इसके लिए कार्यकर्ताओं से राय सुमारी के लिए प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने एक समिति का गठन किया। डा. संजय शर्मा ने बताया कि इस समिति में शामिल केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कृषि मंत्री जेपी दलाल, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, राज्य खेल मंत्री संदीप सिंह, सांसद कृष्ण लाल पंवार, सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल, महामंत्री मोहन लाल बडौली, विधायक महिपाल ढांडा, मंत्री ओम प्रकाश यादव, चेयरमैन अरविंद यादव, महामंत्री पवन सैनी, पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा और मुझे स्वयं समेत सभी प्रमुख नेताओं को अपनी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। बताते चलें कि सरकार ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर से पहले चुनाव कराने को कहा है। इस अवधि के भीतर ही चुनाव होने लगभग तय माने जा रहे हैं।

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