अकाली दल के संविधान में लिखा है कि नशा करने वाले लोगों को पार्टी का सदस्य भी नहीं बनाया जा सकता, बावजूद इसके सुखबीर बादल ने नशा का व्यापार करने वालों से पैसे लिए – दिनेश चड्ढ़ा
सिगरेट बनाने वाली कंपनी आइटीसी ने अकाली दल को दिए 15 लाख रु जबकि शराब बनाने वाली कंपनी राजस्थान लिकर लिमिटेड ने 25 लाख दिए – दिनेश चड्ढ़ा
सुखबीर बादल ने अकाली दल और सिख धर्म दोनों को कलंकित किया – मनविंदर सिंह ग्यासपुरा
आप नेताओं ने अकाल तख्त के जत्थेदार से सुखबीर बादल पर कार्रवाई करने की मांग की
चंडीगढ़, 5 अप्रैल 2021
आम आदमी पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल पर शराब और सिगरेट बनाने वाली कंपनी से पार्टी फंड में पैसा लने का आरोप लगाया। सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आप नेता मनविंदर सिंह ग्यासपुरा और दिनेश चड्ढ़ा ने सुखबीर सिंह बादल पर आरोप लगाते हुए कहा कि अकाली दल के संविधान में लिखा हुआ है कि नशा करने के वाले लोगों को पार्टी का सदस्य तक नहीं बनाया जा सकता, उसके बावजूद सुखबीर बादल ने नशा का व्यापार करने वालों से पैसे लिए। उन्होंने सिगरेट बनाने वाली कंपनी आइटीसी और शराब बनाने वाली कंपनी राजस्थान लिकर लिमिटेड से पार्टी फंड में लाखों रु लिए। उन्होंने कहा कि अकाली दल को बादल परिवार ने दुषित कर दिया है। पार्टी की मर्यादा को पूरी तरह से इनलोगों ने नष्ट कर दिया।
आप नेताओं ने कहा कि जब अकाली दल की स्थापना हुई थी तो कहा गया था कि पार्टी में शराब और अन्य तरह के नशे करने वाले लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा। मास्टर तारा सिंह और अन्य संस्थापक सदस्यों ने बहुत मेहनत और संघर्ष कर अकाली दल को मजबूत किया और उन्होंने कभी भी अपने उसूलों के साथ समझौता नहीं किया। लेकिन बादल परिवार ने अकाली दल पर कब्जा कर लिया और पार्टी के सारे उसूलों को दफन कर दिया। अकाली दल द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए जानकारी के दस्तावेज दिखाते हुए आप नेता ने कहा कि जिस पार्टी का संविधान कहता है कि नशा करने वालों को पार्टी की सदस्यता तक नहीं दी जाएगी उसके प्रधान ने सिगरेट बनाने वाली कंपनी, जो करोड़ो लोगों को नशा का शिकार बनाती है उससे 28 मार्च 2019 को चंदे के रुप में 15 लाख रु लिए और शराब बनाने वाली कंपनी राजस्थान लिकर लिमिटेड ने 10 मई 2019 को 25 लाख रु चंदे के रुप में लिए। उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि अकाली दल की छवि को सुखबीर बादल और बादल परिवार ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया, इसलिए अब से अकाली दल को बादल दल कहा जाए।
उन्होंने अकाली दल को पिछले दो सालों में मिले चंदे के बारे में बताते हुए कहा कि 2018 में अकाली दल को मिले पौने दो करोड़ रु में से 1 करोड़ तीस लाख रू, यानि लगभग 75 प्रतिशत राशि बादल परिवार से जुड़ी कंपनियों ने दिया। वहीं 2017 में लगभग 76 प्रतिशत पैसा बादल परिवार से जुड़ी कंपनियों ने दिया। सुखबीर बादल ने अकाली दल को बादल प्राइवेट लिमिटेड बना दिया है। अब पार्टी सुखबीर बादल के व्यापार का जरिया बन गया है। मीडिया से लेकर ट्रांसपोर्ट हर तरह के कारोबार में सुखबीर बादल का पैसा लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ सुखबीर बादल नशीले पदार्थ बनाने वाली कंपनियों से पार्टी फंड में पैसा लिया और दूसरी तरफ अपनी बेटी का कत्ल करने वाली महिला को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रधान बना दिया। ऐसा कर सुखबीर बादल ने अकाली दल, सिख धर्म और पंजाब तीनों को को कलंकित किया है। आप नेताओं ने अकाल तख्त के जत्थेदार से अनुरोध किया कि इस कलंकित कार्य के लिए सुखबीर बादल पर कार्रवाई की जाए और बादल परिवार का बहिष्कार किया जाए। उन्होंने पंजाब के लोगों से भी सुखबीर बादल और बादल परिवार का बहिष्कार करने की अपील की।

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