कैप्टन अमरिंदर ने वीआईपी कल्चर पर लिया यू-टर्नचंडीगढ़, 3 मार्च ( ): मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह यू-टर्न सीएम बन गए हैं, यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं पंजाब के प्रभारी श्री दुष्यंत गौतम का। मुख्यमंत्री बनने उपरांत चुनावी वायदों पर बेशर्मी से यू-टर्न लेने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह अब मुख्यमंत्री के नाते किए गए निर्णयों पर भी यू-टर्न ले रहे हैं।श्री गौतम ने मुख्यमंत्री को याद करवाते हुए कहा कि 14 अप्रैल 2017 को मुख्यमंत्री कार्यालय पंजाब द्वारा जारी प्रैस नोट के अनुसार ‘पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमेरन्द्र सिंह ने राज्य में वीआईपी कल्चर को खत्म करने की ओर एक अन्य कदम उठाते हुये नींव व उद्घाटनी शिलांयसों पर मंत्रियों व विधायकों सहित किसी भी सरकारी पदाधिकारी का नाम लिखने पर रोक लगा दी है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वयं को भी इन आदेशों के घेरे से बाहर नहीं रखा जिसका उदेश्य वीआईपी कल्चर की रूकावट को हटाकर सरकार व लोगों के बीच मजबूत संपर्क कायम करना है’।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय की धज्जियां कैबिनेट मंत्री, कांग्रेस के सांसद व विधायक के साथ-साथ आईएएस व आईपीएस अफसरों ने उड़ाई। पर आज हम मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वयं आदेशों की धज्जियां कैसे उड़ाई, उसका प्रूफ पंजाब सरकार द्वारा जारी प्रैस विज्ञप्तियों के हवाले से देंगे।

25 अक्टूबर 2020 को मुख्यमंत्री कार्यालय, पंजाब द्वारा जारी प्रेस नोट के मुताबिक ‘पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने दशहरे के त्यौहार के मौके पर पटियाला में खेल को समर्पित पंजाब की पहली खेल यूनिवर्सिटी, महाराजा भुपिन्दर सिंह पंजाब खेल यूनिवर्सिटी और नए बस अड्डे समेत अन्य कई अहम विकास प्रोजैक्टों के भी नींव पत्थर रखे।’ (सरकारी फोटो प्रूफ के तौर पर संगल्न हैं।)

30 मई 2019 को जारी प्रेस नोट के मुताबिक ‘समराला /माछीवाड़ा में औद्योगिक विकास और रोजग़ार उत्पत्ति को और उत्साहित करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इलाके में सब्जियों के प्रोसेसिंग प्लांट का नींव पत्थर रखा।’ (सरकारी फोटो प्रूफ के तौर पर संगल्न हैं।)

3 फरवरी 2021 को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने होशियारपुर जिले में बजवाड़ा में बनने वाले सरदार बहादुर अमीं चंद सोनी आम्र्ड फोर्सिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट का नींव पत्थर रखा जिससे राज्य के और अधिक नौजवानों को रक्षा सेवाओं में अपना भविष्य बनाने के लिए बड़े मौके हासिल होंगे।’ (सरकारी फोटो प्रूफ के तौर पर संगल्न हैं।)

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