यूटी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार की सुविधाओं को लेकर आम आदमी पार्टी की गलत बयानबाजी पर बरसे कैप्टन अमरिंदर

AMRINDER SINGH
HOPES FOR MORE CONSTRUCTIVE POLITICAL ENVIRONMENT FOR FARMERS’ PROGRESS, EARLY RESOLUTION OF MSP ISSUE

चंडीगढ़, 28 मार्च : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा केंद्र शासित प्रशासन में काम करने वाले अपने कर्मचारियों को केंद्रीय सुविधाएं देने संबंधी रूटीन के प्रशासनिक फैसले को बिगाड़ने और उसे लेकर गलत बयानबाजी करने को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित आम आदमी पार्टी के नेताओं की निंदा की है
यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों की लंबे समय से चल रही मांग थी, जिनमें से अधिकतर पंजाब से हैं, कि उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए। यदि केंद्र सरकार उनकी मांगों पर मान गई है, तो इसमें गलत क्या है। उन्होंने पूछा इस फैसले से चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा कैसे खत्म हुआ?
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता, तो पंजाब के हितों के विरुद्ध ऐसे किसी भी कदम का विरोध करने वाले वह पहले व्यक्ति होते।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने पंजाब के पानियों की रक्षा हेतु 2004 में अन्य राज्यों के साथ पानी के बंटवारे सम्बन्धी समझौते रद्द कर दिए थे। जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री मान से अपने प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल से सतलुज-यमुना लिंक नहर सहित पंजाब से जुड़े अन्य मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगने को कहा है। उन्होंने मान को चुनौती देते हुए कहा कि एक छोटे से प्रशासनिक मुद्दे पर शोर मचाने की बजाए आप को इन मुद्दों पर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मान और केजरीवाल को झूठा दिखावा करने की बजाय पंजाब सरकार के कर्मचारियों को भी उसी तरह का फायदा देने को कहा है, जैसे केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों को दिया जाता है।
कैप्टन अमरिंदर ने आम आदमी पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को सिर्फ दिखावा करने के लिए रूटीन के प्रशासनिक फैसलों को लेकर गलत जानकारी ना फैलाने की सलाह दी है।
इस दौरान उन्होंने खास तौर पर विपक्षी दलों के नेताओं से अपील किया कि वह आप के जार में ना फंसे, जो महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि आप सरकार को लोगों से किए गए वायदों के प्रति जवाबदेह बनाया जाए, जो पंजाब के चंडीगढ़ पर दावे को लेकर किसी भी तरह का असर न डालने वाला मुद्दा छेड़ कर, अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रही है।

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