कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने रबी के 2020 सीजन के लिए 26,064.31 करोड़ रुपए की सी.सी.एल. की मंज़ूरी के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा

चंडीगढ़, 1 अप्रैल:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को पत्र लिख कर रबी मंडीकरण सीजन 2020 के लिए 26,064.31 करोड़ रुपए की नकद कजऱ् हद (सी.सी.एल.) की जल्द मंज़ूरी के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक को निर्देश देने के लिए उनके निजी दख़ल की माँग की है।
वित्त मंत्री को लिखे एक पत्र में कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि सी.सी.एल. के तुरंत जारी होने से न सिफऱ् गेहूँ की फ़सल की सभ्य खरीद को यकीनी बनाया जा सकेगा, बल्कि पहले ही कई मुश्किलों का सामना कर रहे किसानों को भी राहत मिलेगी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने वित्त मंत्री को आगे बताया कि पंजाब सरकार ने रबी मंडीकरण सीजन के दौरान 26064.31 करोड़ रुपए की सी.सी.एल. की मंज़ूरी के लिए आर.बी.आई. को अपना प्रस्ताव पहले ही सौंप दिया है।
मुख्यमंत्री ने श्रीमती सीतारमन को यह भी बताया कि राज्य में कोविड-19 महामारी के मद्देनजऱ चल रहे लॉकडाउन और 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाली रबी की फ़सल की खरीद जो कि 15 अप्रैल से शुरू होने जा रही है, के कारण भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि, यह तभी संभव हो सकेगा यदि 114.76 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद के लिए राज्य को अनुमानित राशि देने के लिए आर.बी.आई. द्वारा मंज़ूरी दी जाए।
इस पत्र में दिए गए प्रस्ताव के अनुसार केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों संबंधी मंत्रालय ने रबी मंडीकरण सीजन 2020-21 के दौरान गेहूँ की खरीद के लिए न्युनतम समर्थन मूल्य 19,250 रुपए प्रति मीट्रिक टन निश्चित किया है। राज्य की खरीद एजेंसियाँ जैसे पनग्रेेन, मार्कफैड, पनसप और पंजाब स्टेट वेयरहाऊस कोर्पोरेशन को यह ज़रूरी खर्चे, यातायात लागत, मंडी चार्ज और बारदाने की कीमत के रूप में 3463.70 प्रति मीट्रिक टन होने की संभावना है।
बोरी समेत गेहूँ की अस्थाई लागत 22,713.70 रुपए (दिन 22,714 रुपए) प्रति मीट्रिक टन बनती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 114.75 लाख टन गेहूँ किसानों से खरीदने का लक्ष्य है जिसकी लागत 26,064.31 करोड़ रुपए बनती है।