पी.एफ.एम.एस., ई.ए.टी. विधि का पालन करने वाले आढ़तियों के बकाए की अदायगी के लिए रास्ता साफ
चंडीगढ़, 24 फरवरी:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अपील को स्वीकृत करते हुए केंद्र सरकार ने आज खरीफ मंडीकरण सीजन-2019-20 के दौरान धान की खरीद के लिए नगद कजऱ् हद (सी.सी.एल.) की मियाद में 29 फरवरी, 2020 तक विस्तार कर दिया है।
इस कदम से सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पी.एफ.एम.एस.) खर्चा, एडवांस और ट्रांसफर (ई.ए.टी.) विधि के नियमों का पालन करने वाले आढ़तियों के बकाए निपटाने के लिए रास्ता साफ हो गया है और इस सम्बन्धी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मंगलवार को 200 करोड़ रुपए जारी किया जायेगा।
यह प्रगटावा करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस वृद्धि की मियाद बढ़ाने से राज्य सरकार को आढ़तियों के कमीशन के रूप में लम्बित बकाए की अदायगी करने में मदद मिलेगी। भारत सरकार की तरफ से लाजि़मी बनाए पी.एफ.एम.एस., ई.ए.टी. विधि को अमल में न लाने के लिए बकाया जारी नहीं किया जा सका था।
जि़क्रयोग्य है कि आढ़तियों के कमीशन के रूप में 750 करोड़ रुपए की कुल देनदारी थी जिसमें से पी.एफ.एम.एस., ई.ए.टी. विधि का पालन करने वाले आढ़तियों को 362 करोड़ रुपए पहले ही जारी किये जा चुके हैं।
यह जि़क्रयोग्य है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने मंडीकरण सीजन के दौरान धान की खरीद के लिए नये खाते अधीन 33333.96 करोड़ रुपए के नगद कजऱ् हद (सी.सी.एल.) की मियाद अब फरवरी, 2020 तक बढ़ा दी गई है। बताने योग्य है कि अक्तूबर, 2019 के लिए 26707.50 करोड़ रूपए सी.सी.एल. के लिए अधिकृत किया गया था जबकि नवंबर, 2019 के लिए 6623.46 करोड़ रुपए का विस्तार किया गया जिसकी मियाद दिसंबर, 2019 तक बढ़ा दी गई थी।

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