कांग्रेस सरकार का सोसाइटियों के माध्यम से खाद की बिक्री में हिस्सेदारी 80 से घटाकर 50 फीसदी करना भाजपा के एजेंडे को लागू करने का संकेत: सरदार सिकंदर सिंह मलूका
चंडीगढ़/12सितंबर 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली राज्य सरकार किसानों को बर्बाद करने के लिए राज्य में सहकारी समितियों को समाप्त करने की साजिश कर रही है, और राज्य सरकार द्वारा सोसाइटियों के माध्यम से 80 से घटाकर 50 फीसदी करने का फैसला इस बात का स्पष्ट संकेत है कि कांग्र्रेस सरकार , भाजपा के छिपे एजेंडे को लागू कर रही है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के किसान विंग के अध्यक्ष सरदार सिकंदर सिंह मलूका ने आज यहां एक बयान में कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य में सहकारिता ढ़ांचे को मजबूत करने के बजाय कांग्रेस सरकार इस क्षेत्र को पूरी तरह खत्म करने का काम कर रही है। उन्होने कहा कि सहकारी समितियां किसान समुदाय की रीढ़ की हड्डी है। ‘‘ यह क्षेत्र उन किसानों को सब्सिडी वाली खाद और अन्य सेवाएं प्रदान करता है, जो खेती की उच्च लागत का खामियाजा भुगत रहे हैं ।‘‘
सरदार मलूका ने कहा कि किसानों को राहत देने के बजाय केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के खिलाफ काम कर रही हैं। उन्होने कहा कि खाद के निर्माण में 5.5 लाख मीट्रिक टन से 1.25 लाख मीट्रिक टन की कमी के कारण है। ‘‘ आपूर्ति की कमी का सीधा संबंध 8000 रूपये प्रति टन सब्सिडी की कमी से संबंधित है, जोकि निर्माताओं को देने से इंकार किया जा रहा है’’।
अकाली नेता ने कहा कि खेती के लिए जरूरी सामान की लागत 340डाॅलर से 550 डाॅलर तक हो चुकी है। उन्होने कहा कि सीमांत किसान इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, और उनमें बाजार से खाद खरीदने की क्षमता नही है। ‘‘ राज्य सरकार का यह फैसला भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे का लागू करने के अलावा कुछ भी नही है ,ताकि खेती क्षेत्र को काॅर्पोरेटस और अन्य निजी कंपनियों को सौंपने का माहौल बनाया जा सके। उन्होने सरकार को यह भी याद दिलाया कि 80 फीसदी से अधिक किसान सीधे सहकारी समितियों से जुड़े हुए हैं।
सरदार मलूका ने सरकार से कहा कि वह सहकारी समितियों के माध्यम से खाद की बिक्री के हिस्से को कम करने और पुरानी स्थिति को बहाल करने के लिए अपनी अधिसूचना को तत्काल वापिस लिया जाना चाहिए । उन्होने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार तत्काल कार्रवाई करने और यथास्थिति बहाल करने में विफल रही तो शिरोमणी अकाली दल किसानों को न्याय सुनिश्चित कराने के लिए आंदोलन शुरू करेगा।

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