एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को भारत सरकार के ‘‘एक नेशन-एक डेटा’’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया

Chairman of AICTE urges J.C. Bose University of Science and Technology to support ‘One Nation, One Data’ goal of GoI

एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को भारत सरकार के ‘‘एक नेशन-एक डेटा’’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया

चंडीगढ़, 1 दिसंबर

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद को भारत सरकार के ‘‘एक नेशन-एक डेटा’’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया है । इस पर कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने एआईसीटीई चेयरमैन को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। प्रो. सहस्रबुद्धे विश्वविद्यालय में इंटरनेट आफ थिंग्स पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता थे ।

सम्मेलन में विज्ञान भारती (विभा) के राष्ट्रीय आयोजन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे विशिष्ट अतिथि रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. दिनेश कुमार द्वारा की गई।

उन्होंने महान वैज्ञाानिक जगदीश चंद्र बोस की 162वीं जयंती के उपलक्ष्य में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया। उल्लेखनीय है कि आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में जगदीश चंद्र बोस की उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष-2018 में इस महान वैज्ञानिक के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम रखा गया था।

प्रो. सहस्रबुद्धे ने विश्वविद्यालय परिसर में कौशल विकास सामुदायिक महाविद्यालय के भवन तथा एआईसीटीई के सहयोग से स्थापित कौशल और व्यक्तित्व विकास केंद्र का उद्घाटन भी किया।

प्रो. सहस्रबुद्धे ने डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल, विशेष रूप से विश्वविद्यालय द्वारा विकसित डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (डीएलएमएस) की सराहना की जोकि विद्यार्थियों को पढ़ाई जारी रखने के लिए सुविधा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा लॉकडाउन के दौरान विकसित की गई थी। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित यह प्रणाली डिजिटल लर्निंग का पूर्ण समाधान प्रदान करती है, जिसमें लाइव इंटरैक्शन, डिजिटल लेक्चर, नोट्स और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं है। यह प्रणाली डेटा संग्रहण की सुविधा भी प्रदान करने में सक्षम है।

इस अवसर पर एआईसीटीई चेयरमैन ने ‘‘वन नेशन-वन डेटा’’ की अवधारणा पर डेटा संग्रह के लिए एक कॉमन प्लेटफार्म विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि शिक्षकों, विद्यार्थियों और उच्च शिक्षा के अन्य मापदंडों की जानकारी एकत्र करने के लिए देश में एक पोर्टल विकसित करने की आवश्यकता है, जिसके माध्यम से एआईसीटीई, एनबीए, यूजीसी, एनएएसी और टीईक्यूआईपी जैसी एजेंसियों को विभिन्न मापदंडों पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए डेटा उपलब्ध हो सके। उन्होंने एआईसीटीई के लिए डेटा प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय को अपनी विशेषज्ञता सांझा करने तथा सहयोग देने का आग्रह किया ।