चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ
चंडीगढ़, 10 दिसंबर- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में प्रदेश की अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व स्वरोजगार स्थापित करने के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण का आयोजन विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में सिरसा रोड़ स्थित केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के सहयोग से किया गया है।
प्रशिक्षण के शुभारंभ अवसर पर संस्थान के सह-निदेशक(प्रशिक्षण)डॉ. अशोक गोदारा ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वरोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण आज के समय की मांग है। यहां से प्रशिक्षण हासिल कर महिलाएं घरेलू स्तर पर अपने लघु उद्योग स्थापित कर अपनी आमदनी बढ़ा सकती हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान में पांच दिनों में फल-सब्जियों के परीक्षण एवं अनाज के मूल्य संवर्धित उत्पादों को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। डॉ. शशि कुमार भाटिया ने कहा कि फल व सब्जी विटामिन व खनिज लवण का मुख्य स्त्रोत हैं और हमारे दैनिक भोजन का भी अभिन्न स्त्रोत हैं। इसलिए इनके परिरक्षण की जानकारी होना जरूरी है ताकि इन्हें अधिक समय तक सहेज कर रखा जा सके। डॉ. डी.के. शर्मा ने फलों व सब्जियों के प्रसंस्करण में इस्तेमाल होने वाले यंत्रों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। प्रशिक्षण संयोजक डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इस दौरान प्रतिभागियों को सभी तरह के अचार ,मुरब्बा, कैंडी, स्कवैश, चटनी,जैम, टमाटर सोस, फल व सब्जियों को सुखाने जैसी हर प्रकार की जानकारी विस्तारपूर्वक दी जाएगी।

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