मुख्य सचिव द्वारा विभाग मुखियों को निर्देश

पंजाब में स्थापित होने वाले बड़े प्रोजेक्टों को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाए
समीक्षा मीटिंग के दौरान सम्बन्धित विभागों को काम में तेजी लाने के निर्देश
चंडीगढ़, 31 मईः
पंजाब की मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने राज्य में स्थापित होने वाले बड़े प्रोजेक्टों को निश्चित समय में युद्ध स्तर पर पूरा करके उनका लोकार्पण करने के निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि लोक महत्ता वाले सभी प्रोजेक्टों को पहल के आधार पर पूरा किया जाये जिससे पंजाब निवासी जरूरी सुविधाओं का लाभ ले सकें।
यहाँ सम्बन्धित विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ सार्वजनिक निवेश प्रबंधन समिति की एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से बहुत से लोक समर्थकीय प्रोजैक्ट पंजाब निवासियों के लिए शुरू किये गए हैं और इन प्रोजेक्टों का समय पर लोकार्पण करना उन सभी विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी है, जिस विभाग के साथ ये प्रोजैक्ट सम्बन्धित हैं।
मुख्य सचिव ने हलवारा एयरपोर्ट को शुरू करने सम्बन्धी विस्तार में जानकारी ली। इसके अलावा फाजिल्का में 100 बैडों वाले अस्पताल और कैंसर केयर सैंटर, मोहाली में बन रहे नये मैडीकल काॅलेज, जगत गुरू नानक देव पंजाब ओपन यूनिवर्सिटी, अलग-अलग शहरों में बनने वाले सरकारी काॅलेजों, स्टेट कैंसर सैंटर अमृतसर, गोइन्दवाल साहिब में बनने वाली नयी जेल, बस्सी पठाना के मेगा मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट, प्लाईवुड पार्क होशियारपुर और उद्योग विभाग के प्रमुख प्रोजैक्ट जिनमें अलग-अलग शहरों के औद्योगिक फोकल प्वाइंट भी शामिल हैं, बाबत मुख्य सचिव ने जानकारी हासिल की।
उन्होंने कहा कि लोक-समर्थकीय सभी प्रोजेक्टों को सम्बन्धित विभाग निश्चित समय में पूरा करें जिससे लोगों को इन प्रोजेक्टों का फायदा मिल सके।
अलग-अलग शहरों के औद्योगिक फोकल प्वाइंटों बाबत मुख्य सचिव ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि उद्योग की मजबूती के लिए तथा अपेक्षित बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने के लिए उद्योग विभाग सभी प्रोजेक्टों को समय पर लोकार्पित करे।
इसके अलावा मुख्य सचिव ने वित्त विभाग को निर्देश दिए कि अलग-अलग प्रोजेक्टों के लिए फंड समय पर मुहैया करवाए जाना सुनिश्चित किये जाएँ। उन्होंने कहा कि ये प्रोजैक्ट लोक महत्ता वाले हैं इसलिए इन प्रोजेक्टों के लिए फंड की कोई कमी न आने दी जाये।
मीटिंग में योजना विभाग, वित्त विभाग, उद्योग विभाग, सिविल एविएशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान, जेल विभाग, उच्च शिक्षा और कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों ने हिस्सा लिया।