– सरकार ने पावरकॉम को 2,000 करोड़ रुपये के वित्तीय घाटे में गिरा दिया
-महंगी बिजली खरीद समझौते और बिजली माफिया जस के तस, चन्नी चल रहे कैप्टन की राह : अरोड़ा
-पावरकॉम का पुलिस थानों, गांव की पानी की टंकियों, स्कूलों और अकाली व कांग्रेस नेताओं के पास करोड़ो रूपए बकाया
चंडीगढ़, 9 दिसंबर 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने राज्य के बिजली विभाग (पावरकॉम) के वित्तीय घाटे के लिए कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इन दोनों पार्टियों ने वोट पाने के लिए पावरकॉम को सब्सिडी के दलदल में धकेल दिया और गलत बिजली सौदों और बिजली माफ़ी ने कंपनी में लूट का मार्ग खोल दिया है। उन्होंने कहा कि पावरकॉम की देनदारियों का बोझ बढ़ रहा है और उसका राजस्व घट रहा है।
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गुरुवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में, विधायक अमन अरोड़ा ने कहा, “पंजाब में बिजली और सिंचाई के लिए काम करने वाला राज्य के स्वामित्व वाला उद्यम पावरकॉम 2,000 करोड़ रुपये के वित्तीय घाटे में डूब गया है। इसका कारण यह है कि बिजली का उपयोग करने वाली सरकारी एजेंसियां जहां बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रही हैं, वहीं सरकारों ने एजेंसियों को सब्सिडी की राशि का भुगतान नहीं किया है। दुखद बात यह है कि अकाली-भाजपा सरकार के मुखिया रहे बादल ने गलत बिजली समझौते और बिजली माफिया से मुंह मोड़ लिया। नतीजतन, घाटे के दलदल से बाहर निकलना पावरकॉम के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है।”
उन्होंने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने निजी बिजली कंपनियों (थर्मल पॉवर प्लांट और सोलर प्लांट ) के साथ महंगे बिजली खरीद समझौते किए और राज्य में बिजली माफिया बनाया, जिससे पावरकॉम की वित्तीय स्थिति बिगड़ने लगी है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर महंगे बिजली सौदे जारी रखने और बिजली माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न करने का भी आरोप लगाया।
आप नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार कह रही है पंजाब के सरकारी स्कूलों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों से बेहतर बताया जबकि हकीकत यह है कि राज्य के 5000 से ज्यादा स्कूल पावरकॉम बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। पावरकॉम का सरकारी स्कूलों के अलावा पुलिस थानों, गांव की पानी की टंकियों और कांग्रेस और अकाली नेताओं के घर के बिल समेत अन्य सरकारी एजेंसियों पर करोड़ों रुपये बकाया है, जिनका भुगतान पावरकॉम को नहीं किया गया है। इसके अलावा, सरकारों द्वारा बिजली क्षेत्र में दी जा रही करोड़ों रुपये की सब्सिडी का भुगतान न ही शिअद-भाजपा सरकारों ने किया और न ही कांग्रेस सरकार द्वारा इसका भुगतान किया गया है।
अरोड़ा ने कहा कि सरकारें आम जनता को बिजली बिलों पर सब्सिडी दें, लेकिन सब्सिडी की राशि का भी ठीक से प्रबंधन करें ताकि पावरकॉम की वित्तीय स्थिति स्वस्थ रहे। उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि चन्नी सरकार ने पावरकॉम को दुकाने वाले बिजली माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? अगर बिजली माफिया के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की गई है तो क्या उसे सार्वजनिक करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी? चन्नी सरकार बिजली माफियाओं के साथ वैसा ही व्यवहार कर रही है जैसा कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया था।
विधायक अरोड़ा ने आरोप लगाया कि चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार चुनाव से पहले लोगों के बीच अपनी छवि सुधारने के लिए सस्ती बिजली और महंगी बिजली सौदों को रद्द करने की चाल चल रही है। इसी तरह, लोगों को गुमराह करने के लिए, चन्नी सरकार ने शिरोमणि अकाली दल-भाजपा सरकार के दौरान किए गए बिजली खरीद समझौतों और निजी बिजली कंपनियों के जुर्माने माफ़ करने के मामले की जांच करवाने जैसे झूठ बोले हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार बिजली माफिया और गलत बिजली समझौतों के खिलाफ कार्रवाई करने के नाम पर लोगों को ठगने की कोशिश कर रही है क्योंकि बिजली माफिया मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह के दाएं-बाएं बैठे हैं।
अमन अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस सरकार को चाहिए कि वह पावरकॉम की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास करे और विज्ञापनों से लोगों को न बहकाए। सरकार को मूल रूप से गलत बिजली सौदों को रद्द करना चाहिए और बिजली माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा की सरकार को सरकारी एजेंसियों और कांग्रेस-अकाली नेताओं के बकाया बिजली बिलों की वसूली के साथ ही पावरकॉम को सब्सिडी का पैसा भी तुरंत जारी करना चाहिए।

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