उद्योगों को बिजली सब्सिडी देने में किया जाने वाला पक्षपात बंद करे कांग्रेस सरकार-हरपाल सिंह चीमा

HARPAL CHEEMA
एससी, एसटी और गरीब  तबकों  के लिए आम बजट बेहद निराशाजनक: हरपाल सिंह चीमा

कैप्टन पर मोदी की तरह चंद चहेते उद्योगपतियों को मोटी बिजली सब्सिडी देने का लगाया गंभीर आरोप
छोटे, मध्यस्थ और बड़े उद्योगों को सब्सिडी के लिए संतुलित और पारदर्शी नीति की मांग की
चंडीगढ़, 21 जुलाई 2021
पंजाब की कांग्रेस सरकार की ओर से प्रदेश के छोटे और मध्यस्थ उद्योगों और व्यापारिक इकाईयों के साथ पक्षपात करके चंद चहेते उद्योगों को मोटी बिजली सब्सिडी देने की अलोचना करते आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार उद्योगपतियों और व्यापारियों को बिजली सब्सिडी और अन्य रियायतें देने में किया जाता पक्षपात बंद करे। उन्होंने मांग की है कि पंजाब सरकार उद्योगों को बिजली समेत अन्य सब्सिडियां देने के लिए एक पारदर्शी, संतुलित और उचित नीति बनाए, जिससे इन विरोधी नीतियों और कोरोना महामारी के कारण भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहे उद्योग और व्यापार जगत को बचाया जा सके।
बुधवार को पार्टी हेडक्वाटर से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बिजली सप्लाई और बिजली सब्सिडी देने में प्रदेश के उद्योगों के साथ पक्षपात किया है। कैप्टन सरकार अपने चंद चहेते उद्योगपतियों पर प्रदेश का सरेआम खजाना लुटा रही है। पंजाब में इसकी सबसे बड़ी मार छोटे और मध्यस्थ उद्योग को पड़ रही है। चीमा ने कहा जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चंद चहेते पर पूरे देश का खजाना लुटा रहे हैं, कैप्टन अमरिंदर सिंह भी वैसे ही कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपने आका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बता मार्ग पर चल कर चहेते को लाभ पहुंचाने से गुरेज करना चाहिए। चीमा ने पूछा कि किसानों और गरीब परिवारों को दी जाती बिजली सब्सिडी का कैप्टन सरकार की ओर से ढिंडोरा पीटा जाता है, परन्तु पूँजीपति उद्योगपतियों को दी जाती करोड़ों रुपए की बिजली सब्सिडी को पंजाब वासियों से क्यों छुपाया गया?
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र की वाजपेयी, डा. मनमोहन सिंह और अब नरेंद्र मोदी सरकार के साथ-साथ बादलों और कैप्टन की सभी सरकारों की गलत नीतियों के कारण ही उद्योगपति पंजाब को छोड़ कर उत्तर प्रदेश और दूसरे प्रदेशों में अपने कारोबार स्थापित करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के नक्शे पर उद्योगों के तौर पर विकसित हुए लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, बटाला और श्री अमृतसर जैसे क्षेत्रों में से उद्योगों का दूसरे प्रदेशों में पलायन करना न केवल सत्ताधारियों के मुंह पर तमाचा है, बल्कि पंजाब के आर्थचारे के लिए बहुत नुक़सानदायक है। इसी कारण प्रदेश में निजी क्षेत्र की लाखों नौकरियां खत्म हो गई हैं और लोग बेरोजगार हो गए हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब सरकार से मांग की है कि प्रदेश में उद्योगों की बेहतरी के लिए उचित औद्योगिक पॉलिसी बनाई जाए जिससे छोटे, मध्यस्थ और बड़े उद्योगों को संतुलित अनुपात के अंतर्गत सब्सिडियों का लाभ दिया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना महामारी के कारण मंदी की मार बर्दाश्त कर रहे उद्योगों का मार्च 2020 से अब तक का फिक्स चार्ज माफ करने की भी मांग की।