अब गरीब-दलितों को गुमराह नहीं कर सकेंगे कांग्रेस सरकार और बादल: सरबजीत कौर माणूके

किसानों की तर्ज पर दलित वर्ग द्वारा सियासत करने वालों से सवाल पूछने की मुहिम का स्वागत: आप 

आप के विधायकों ने कांग्रेस, बादल और भाजपा पर धोखा करने के लगाए आरोप 

 

चंडीगढ़, 19 सितंबर

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने किसानों की तर्ज पर गरीब-दलित समाज द्वारा राजनीति करने वाले लोगों से सवाल पूछने की मुहिम को जागरूकता मुहिम करार देते हुए इसका स्वागत किया है। आप की दलील है कि अब झूठे वादे और खोखले जुमलों से राजनीतिक दल गरीब, दलित और किसानों समेत किसी भी वर्ग को गुमराह नहीं कर सकेंगे।

रविवार को पार्टी हेडक्वार्टर से विपक्ष की उप नेता प्रतिपक्ष सरबजीत कौर माणूके, प्रिंसिपल बुद्ध राम, रूपिंदर कौर रूबी, कुलवंत सिंह पंडोरी, मनजीत सिंह बिलासपुर, जगतार सिंह हिस्सोवाल ने संयुक्त बयान में कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस ने गरीब और दलित समाज के साथ पिछली बादल-भाजपा सरकार की तर्ज पर साजिशन धोखे किए और दलित वर्ग को बड़े वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर भुला दिया।

सरबजीत कौर माणूके ने दलित समाज से संबंधित समाजसेवी और संघर्षशील संगठनों द्वारा दलित समाज से किए वादों का हिसाब लेने के लिए सत्ताधारी और अन्य सियासी दलों से सवाल पूछने की शुरू हुई प्रथा को शुभ शगुन कहा। उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष ने दलित वर्ग में  भी जागरूकता की अलख जगा दी है। संगरूर जिले के 114 गांवों से शुरू हुई यह जागरूकता मुहिम पूरे पंजाब में फैलनी चाहिए , ताकि 2022 के चुनाव के मद्देनजर कोई राजनीतिक दल झूठे वादों से लोगों को गुमराह नहीं कर सके।

‘आप’ विधायकों ने भारतीय चुनाव आयोग से मांग की है कि वह राजनीतिक दलों से पहले चुनाव से पूर्व पेश किए जाने वाले चुनावी घोषणा पत्र (मैनिफेस्टो) को कानूनी दायरे में लाकर इसे कानूनी दस्तावेज का दर्जा दिया जाए। ताकि भविष्य में कोई भी राजनीतिक दल लोगों को ऐसे गुमराह करने की हिम्मत नहीं कर सके, जैसे पूर्व समय में अकाली-भाजपा और वर्ष 2017 में कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने किया था।

विधायकों ने कहा कि कांग्रेस ने अपने वर्ष 2017 के चुनावी घोषणा पत्र (मैनिफेस्टो) के पृष्ठ नंबर-27 पर बेघर-दलित परिवारों को 5-5 मरले के प्लॉट और मुफ्त घर देने का वादा किया था लेकिन उसे पूरा नहीं किया। यहां तक कि पंचायती जमीनों को 33 प्रतिशत आरक्षण के साथ दलितों के संवैधानिक अधिकार की भी रक्षा नहीं की। इसी कारण आज दलित समाज ने राजनीतिक दल, विशेषकर सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं से चुनावी वादों से संबंधित सवाल पूछे जाने की मुहिम सही दिशा में उठाया गया कदम है।

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आप नेताओं ने पोस्ट मैट्रिक वजीफा घोटाले का हवाला देते हुए सरकार पर दलित समाज के साथ सोचे-समझे पक्षपात के आरोप भी लगाए। आप नेताओं ने कहा कि वर्ष 2022 के चुनाव से पहले ‘आप’ इस दबे कुचले समाज के लिए व्यापक रोडमैप तैयार कर मैनिफेस्टो सार्वजनिक करेगी।