माफिया या मनमतिया: कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए अग्नि परीक्षा है मुख्यमंत्री का चयन : हरपाल सिंह चीमा

मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए कांग्रेस ने मनमतिये और माफिया से मिले नेता का करवाया सर्वे: हर पाल सिंह चीमा
माफिया राज और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार और मुख्यमंत्री चाहते हैं पंजाब के लोग
भगवंत मान की साफ छबी और ईमानदारी पंजाब की जनता के सामने

चंडीगढ़,5 फरवरी 2022

आम आदमी (आप) पंजाब के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि, ”  अब पता चलेगा कि कांग्रेस पार्टी  माफिया के साथ देगी है या मनमतिए (मनमर्जी करने वाले )  के आगे घुटने टेक देगी, क्योंकि कांग्रेस से ईमानदार और पंजाब हितैषी शख्सियत की उम्मीद करना बेकार है।”कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा पर चीमा ने कहा कि  कांग्रेस पार्टी खुद को ईमानदार, देशभक्त और जन हितैषी पार्टी होने का ढिंढोरा पीट रही है। लेकिन अब मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चुनाव, कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए अग्नि परीक्षा है कि वह मनमतिए या रेत माफिया के साथ मिले शख्स में से किसे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनती  है।

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शनिवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने दावा किया, ” कांग्रेस पार्टी पंजाब में मुख्यमंत्री चेहरे के लिए ऐसे दो उम्मीदवारों का सर्वे करवा रही है, जिनमे से एक नेता को मनमतिया और दूसरे को रेत माफिया का हितैषी कहा जाता है।” चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार की कारगुजारी को सामने रख कर ही आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के मंत्री,विधायक और अन्य नेता राज्य में रेत माफिया,शराब माफिया,ट्रांसपोर्ट माफिया चला रहे हैं। जिसका समर्थन कांग्रेस के कई बड़े नेता भी कर चुके हैं। चीमा ने कहा कि बेशक मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करना कांग्रेस का अंदरूनी मामला है, लेकिन पंजाब की जनता माफिया शासन और मनमतिए से तंग आ चुकी है और वह पंजाब में ईमानदार  मुख्यमंत्री चाहती है ।

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब की जनता ही नहीं बल्कि खुद कांग्रेस नेता ही पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री के चेहरे ऐलाने जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सवाल उठा रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू  ने कहा कि, ” अगर व्यक्ति खुद ही रेत और शराब माफिया के साथ मिला हो या माफिया के साथ उसकी हिस्सेदारी हो तो वह सख्त फैसले कैसे ले सकता है?” वहीं कांग्रेस समेत पंजाब की जनता भी मनमतिए नेता को सरकार से दूर रखना चाहती है, जिसे सिर्फ बोलना आता है। लेकिन सत्ता की कुर्सी पर बैठकर माफिया राज, भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलता।

चीमा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर चल रही लड़ाई ने सारी सीमाएं पार कर दी हैं। इसलिए उसे 6 फरवरी का दिन चुनना पड़ा है,क्योंकि 4 फरवरी नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख थी। अगर कांग्रेस पार्टी नामांकन वापसी की तारीख से पहले मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान करती तो मनमतिए की कांग्रेसी कुनबे में बगावत निश्चित थी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कांग्रेस पार्टी के नेताओं के माफिया को संरक्षण देने  के सबूत सामने आ रहे हैं, सवाल उठता है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी माफिया से जुड़े इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे  हैं? क्या गांधी परिवार भी माफिया की लूट का हिस्सेदार है?गांधी परिवार को माफिया सरपरस्तों  के साथ अपने संबंधों के बारे में देश की जनता को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

हरपाल सिंह चीमा ने दावा किया कि पंजाब के लोग मनमतिए नेता और माफिया के संरक्षक को  कभी जीतने नहीं देंगे और ऐसे व्यक्ति को मौका देंगे जो हर प्रकार के माफिया, भ्रष्टाचार की आंधी और गुंडागर्दी को खत्म करने का दम रखता हो। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कार्यप्रणाली और पंजाब से पार्टी के मुख्यमंत्री पद के  उम्मीदवार भगवंत मान की साफ और ईमानदार छबी पंजाब के लोगों के सामने है। इसलिए पंजाब के लोगों ने बारी-बारी से पंजाब को लूटने वाले कांग्रेसियों और अकाली दल के नेताओं से पीछा छुड़ाने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है और  20 मार्च को पंजाब में आम लोगों की ईमानदार और माफिया मुक्त सरकार बनेगी।