
पंजाबियों के पहले से हुए घावों पर नमक न छिड़कने की चेतावनी दी
चंडीगढ़ 26 फरवरी 2022
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के सदस्यों की नियुक्ति के लिए मानदंडों को बदलने के केंद्र के फैसले को ‘‘ पंजाब के लिए एक ऐसा निर्णय बताया जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं’’
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आज दोपहर यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ‘‘ इस मामले की सच्चाई यह है कि देश के कानून, मिसालों और प्रचलित कथाओं के अनुसार , सतलुज ब्यास के हेडवर्क्स का नियंत्रण विशेष रूप से एक रिपेरियन राज्य के रूप में पंजाब के अंतर्गत आता है।लेकिन पहले उन्होने अंसवैधानिक रूप से उस नियंत्रण को हमसे छीन लिया और अ बवे पंजाब को पूरी तरह से बीबीएमबी से बाहर कर रहे हैं। यह हमारे खिलास अन्याय की चरमसीमा है। यह संघीय सिद्धांत का एक और उदाहरण है जिसे केंद्र में सरकारों द्वारा बार बार – किया गया है। हम अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी ताकत के साथ लड़ेंगें। अकाली दल अध्यक्ष ने राज्य के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए सभी राजनीतिक दलों सहित हर पंजाबी से अपील की।
उन्होने कहा कि यह फैसला आमतौर पर पंजाबियों और विशेष रूप से सिखों के खिलाफ राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक भेदभाव की लंबी और दर्दनाक श्रंखला में एक और कड़ी जुड़ गई है।हर पंजाबी की तरह मैं भी यह निर्णय से बेहद हैरान हुआ हूं। उन्होने कहा कि जरूरत इस बात की थी कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत रिपेरियन सिद्धांत पर नदी के पानी के सवाल का समाधान किया जाए। लेकिन केंद्र जो कर रहा है वह रिपेरियन राज्य पंजाब के खिलाफ शोषण को जारी रखना है, ताकि गैर-रिपेरियन हरियाणा और राजस्थान का पक्ष लिया जा सके।
अकाली नेता ने आगे कहा कि इस निर्णय ने पंजाबियों और विशेष रूप से सिखों और अन्य किसानों पर पहले हुए घावों पर नमक छिड़कने का काम किया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 की धारा 78 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी ।इस मामले में कोई समझौता नही किया जाएगा तथा अकाली इसके लिए डटकर खड़े रहे हैं। केंद्र को नदी जल मुददों पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नही है’’।
अकाली नेता ने केंद्र को चेतावनी दी कि उनकी पार्टी इस भेदभाव को मूकदर्शक बनकर नही देखेगी तथा हमारी आनेवाली पीढ़ियों को भूखमरी से बचाने के लिए वे संघवाद के लिए लड़ाई का बिगुल बजाने के अलावा उनके पास कोई अन्य विकल्प नही है।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा ‘‘गुरु साहिबान, संतों और ऋषियों की धरती पर एक भयावह संकट मंडरा रहा है।हम पंजाब को रेगिस्तान में बदलने से बचाने के लिए इस खतरे से लड़ेंगें ताकि हमारे बच्चों भूखमरी का सामना न करना पड़े यां जिंदा रहने के लिए अपने घरों को छोड़कर कही और न जाना पड़े’’।

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