जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की  कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट की

स्टार्टअप सहयोग के साथ-साथ शैक्षणिक परियोजनाओं से संबंधित उन विषयों  पर चर्चा की गई, जिन्हें विश्वविद्यालय विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी विभाग और सामान्य रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आगे बढ़ा रहा है
परिसर (कैंपस) के बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन में प्रतिष्ठित संस्थान के योगदान पर चर्चा की गई
शिक्षा जगत, स्टार्टअप और उद्योग के बीच एक एकीकृत दृष्टिकोण पर जोर देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को दुनिया की ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है
“अनुसंधान एनआरएफ और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (न्यू एनईपी) -2020 भारत में छात्रों और युवाओं के लिए नए करियर और उद्यमिता के अवसर खोलने के वादे के साथ स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को पूरक बनाती  है”: डॉ. जितेंद्र सिंह
दिल्ली, 10 JAN 2024

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयूकी  कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमन्त्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिकलोक शिकायतपेंशनपरमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉजितेंद्र सिंह से आज  हुई भेंट में  स्टार्टअप सहयोग के साथसाथ उन शैक्षणिक परियोजनाओं पर चर्चा कीजिन्हें विश्वविद्यालय विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी विभाग और सामान्य रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आगे बढ़ा रहा है। .

कुलपति के साथ प्रोफेसर सतीश चंद्र गरकोटी (रेक्टर), प्रोफेसर सुप्रिया चक्रवर्तीडीन स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज और जेएनयू के अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्य इत्यादि थेजिन्होंने मंत्री और उनकी टीम के साथ पादप गुणसूत्र विज्ञान (प्लांट जीनोमिक्स),जैविक विज्ञान (लाइफ साइंसेज)  में अनुसंधान के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की।

प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने मत्री महोदय को अपने कुलपति बनने के बाद विश्वविध्यालय में हुई नवीन गतिविधियों के साथ ही परिसर में बुनियादी ढाचे के विकास और रोजगार सृजन में इस प्रतिष्ठित संस्थान के योगदान की जाकारी दी I

प्रतिनिधिमंडल ने  जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संचालित विश्वविद्यालय अंतविषयक जीव विज्ञान विभागों को शिक्षा एवं अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहन (बूस्ट टू यूनिवर्सिटी इंटरडिसिप्लिनरी लाइफ साइंस डिपार्टमेंट्स फॉर एजुकेशन एंड रिसर्च – बीआईएलडीईआर)  (डीबीटीबिल्डरकार्यक्रम के अंतर्गत  जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटीद्वारा समर्थित जेएनयू की चल रही सामाजिक विकास परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने अद्यतन उपकरण अनुसंधान सुविधा (एडवांस्ड इंस्ट्रुमेंटेशन रिसर्च फैसिलिटी एआईआरएफमें उपलब्ध 25 परिष्कृत अत्याधुनिक उपकरणों पर भी प्रकाश डालाजो सभी जेएनयू विज्ञान स्कूलों के साथसाथ दिल्ली के बाहर अन्य शैक्षणिक अनुसंधान संस्थानों और निजी कंपनियों उद्योगों में अनुसंधान में अंतःविषय अनुप्रयोगों को पूरा करते हैं।

शिक्षा जगतस्टार्टअप और उद्योग के बीच एक एकीकृत दृष्टिकोण पर जोर देते हुएडॉजितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को दुनिया की ज्ञानआधारित अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने के लिए पिछले कुछ वर्षों में एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है और जब नवाचार और प्रौद्योगिकी की बात आती है तो इसमें उल्लेखनीय चहुमुखी प्रगति भी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत आज वैज्ञानिक और तकनीकी कौशल के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है।

डॉजितेंद्र सिंह ने संपूर्ण विज्ञान‘ दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा कि  विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने बुनियादी ढांचे के विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत सरकार के सभी वैज्ञानिक विभागों की संयुक्त मासिक बैठकें शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी)  के बीआईआरएसी पीपीपी मॉडल के समर्थन से छात्रों को अरोमा मिशन और कृषि स्टार्टअप में स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय  (जेएनयूके स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज में अत्यधिक  संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा“अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफऔर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी2020) भारत में छात्रों और युवाओं के लिए नए करियर और उद्यमिता के अवसर खोलने के आश्वासन  के साथ स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को पूरक बनाती है।

प्रोफेसर पंडित ने कहा कि जेएनयू का स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज अपने स्नातकोत्तर (एमएससीकार्यक्रम में एनईपी 2020 को लागू करने वाला पहला संस्थान हैजबकि बी.टेक (कंप्यूटर साइंसकार्यक्रम छात्रों के बीच जबरदस्त सफलता के रूप में उभरा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विश्वविद्यालय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)  दिल्ली के छात्रों को विषय व्याख्यान की सीधे जानकारी (लाइव फीड)  और रिकॉर्डेड वीडियो प्रदान कर रहा है और इसे अन्य संस्थानों के छात्रों को भी  निशुल्क  प्रदान किया जा सकता हैजबकि विदेशी छात्रों के लिए यह नाममात्र लागत  पर उपलब्ध होगा।

प्रोफेसर पंडितजो इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति और जेएनयू की  पहली  पूर्व छात्र वीसी भी हैंने भी मंत्री से जेएनयू को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने पर ध्यान देने की मांग की। उन्होंने कहा कि ” जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयूने हाल ही में युवाओं के लिए सीखने और रोजगार सृजन के नए रास्ते पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने आदर्श वाक्य तमसो मां ज्योतिर्गमय‘ को अपनाया है।