विश्वास प्रस्ताव की नौटंकी छोड़कर रिश्वत के आरोपों की पुष्टि सीबीआई यां हाईकोर्ट द्वारा स्वंतत्र जांच  करवाई जाए: सरदार सुखबीर सिंह बादल

“Govt slamming the door shut on farmers face “- Sukhbir Singh Badal

विश्वास प्रस्ताव की नौटंकी छोड़कर रिश्वत के आरोपों की पुष्टि सीबीआई यां हाईकोर्ट द्वारा स्वंतत्र जांच  करवाई जाए: सरदार सुखबीर सिंह बादल

—–कहा कि एस.वाई.एल , चंडीगढ़ के स्थानांतरण की मांग और आबकारी घोटाले पर  तुरंत चर्चा की जानी चाहिए

चंडीगढ़/19सितंबर: 

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मुख्यमंत्री भगवंत मान से विश्वास मत का नाटक न करने के लिए कहते हुए कहा कि रिश्वत आरापों की जांच सीबीआई यां उच्च न्यायालय द्वारा स्वंतत्र जांच से हो सकती है और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर किसी उददेश्य की पूर्ति नही की जा सकती है।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ हमने पंजाबियों को पहले ही आगाह कर दिया था कि आप पार्टी की सरकार दिल्ली में अपने समकक्ष का साथ देगी, जिन्होने कथित तौर पर भाजपा द्वारा अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित प्रयासों को ‘नाकाम’ करने के बाद राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया  था। उन्होने कहा कि अब पंजाब में सरकारी खजाने की कीमत पर ऐसा किया जा रहा है, जबकि सरकार के पास बहुत ज्यादा बहुमत है और किसी ने भी विश्वास मत हासिल करने की कोई मांग नही की है।

मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच यां उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच के लिए अपनी मंजूरी देने का अनुरोध करते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘‘ यदि आपके पास छिपाने के लिए कुछ नही है तो आपको रिश्वत के आरोपों की स्वतंत्र जांच से डरना नही चाहिए’’। उन्होने कहा कि यह तथ्य है कि आप पार्टी ने हिमाचल और गुजरात में विधानसभा चुनावों के लिए एक विशेष सत्र बुलाया था, यह दर्शाता है कि वह यह आभास देना चाहते हैं कि कांग्रेस के विधायकों को बेचा जा सकता है, लेकिन उसके विधायकों ने उनकी वफादारी खरीदने के प्रयासों को खारिज कर दिया है।

सरदार बादल ने मुख्यमंत्री को आगामी विधानसभा सत्र में वास्तविक मुददों पर चर्चा के लिए कहते हुए कहा कि सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर संकट, चंडीगढ़ को पंजाब में तुंरत स्थानांतरित करने  आवश्यकता और आबकारी घोटाले जैसे मुददों को एजेंडें में शामिल किया जाना चाहिए।

उन्होने कहा कि  जब आप पार्टी के संयोजक ने घोषणा की कि हरियाणा और दिल्ली का पंजाब के नदी पर अधिकार है तो मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नम्रता से खड़े रहकर एसवाईएल नहर पर पंजाब के रूख को कमजोर कर दिया । सरदार बादल ने कहा कि सिर्फ इतना ही नही, ‘‘ मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में एक नया विधानसभा भवन बनाने के लिए राजय को भूमि आवंटित करने के हरियाणा के कदम का विरोध नही किया’’। उन्होने कहा कि आबकारी नीति पर भी चर्चा की आवश्यकता है, क्योंकि यह सरकारी खजाने की कीमत पर 500 करोड़ रूपये से अधिक की रिश्वत लेने के लिए बनाई गई है’’।  उन्होने कहा, ‘‘ इन तीनों मुददों पर पंजाबियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उचित संकल्प लिया  जाना चाहिए’’।

यह कहते हुए कि इन मुददों के साथ साथ कृषि क्षेत्र में संकट सहित अन्य मुददों पर सरकार द्वारा किसानों को फसल की क्षति, लंपी स्किन बीमारी यां नवीनतम बौना वायरस जिससे धान की फसल को नुकसान पहंुचा, के लिए किसानों को मुआवजा देने से इंकार करना शामिल है। सरदार बादल ने कहा, ‘‘ यह सब करने के बजाय, आप पार्टी की  सरकार और उसके मुख्यमंत्री  खुद को बधाई देने की राजनीति करने में तुले हुए हैं’’।