अकाली यह याद रखें कि उनकी सरकारों के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के रुतबे का अनादर किया जाता रहा है

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हरसिमरत बादल को यह तथ्य याद करवाया
सत्ता के नशे में चूर होते थे अकाली, राजनैतिक लाभ कमाने के लिए धर्म का शोषण करने की भी शर्म नहीं करते
चंडीगढ़, 13 अक्तूबर:
          हरसिमरत कौर बादल की तरफ से राज्य सरकार खि़लाफ़ की बयानबाज़ी का करारा जवाब देते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज केंद्रीय मंत्री को याद करवाया कि उसकी पार्टी अकाली दल की सरकार के दौरान अकाली नेता स्वयं ही राजसी शक्ति के बलबूते बहुत बेशर्मी और जान-बूझ कर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का अनादर करते रहे हैं परन्तु इससे बिल्कुल विपरीत हमारी सरकार द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब जी की सर्वोच्चता को स्वीकृत करते हुये इसका हर पक्ष से मान और सत्कार किया जाता है।
          मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 सालों के शासन के दौरान हरसिमरत बादल समेत सभी अकाली सत्ता के नशे में चूर होते थे जिन्होंने अपने दमनकारी राज के दौरान न तो श्री अकाल तख्त साहिब को बक्शा और न ही पंजाब के लोगों के साथ कोई लिहाज़ इस्तेमाल किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को संकुचित राजनैतिक लाभ की ख़ातिर ऐसे कोरे झूठ बोलने बंद करने के लिए कहा।
          श्री गुरु नानक देव जी 550वें प्रकाश दिवस के अवसर पर साझे समागमों के मुद्दे पर हरसिमरत बादल द्वारा उनकी सरकार के विरुद्ध लगाऐ गये दोषों पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा,‘‘यह हर कोई भली भाँति जानता है कि अहंकार में डूबे हुए आप (अकाली) श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिबान के साथ कैसा सलूक करते रहे हो और अब भी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर अपनी शर्तें थोप कर सिख संस्था का दुरुपयोग करने की घटिया चालें चल रहे हो।’’
          मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘हरसिमरत और अकालियों में सही फ़ैसला लेने की समझ नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि एक तरफ़ तो हरसिमरत बादल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उसकी सरकार के प्रशंसा गा रही है और दूसरीे तरफ़ सका पति सुखबीर सिंह बादल हरियाणा चुनाव में प्रचार के दौरान लोगों को भाजपा उम्मीदवारों की ज़मानतों ज़ब्त करवाने की अपील कर रहा है।
          मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के लोगों ने अकालियों के इस दोहरी भूमिका का पर्दाफाश तो बहुत पहले ही कर दिया था और राज्य में 2017 के विधान सभा चुनावों से लेकर अब तक हुये चुनावों में अकाली लीडरशिप को बार -बार मुँह की खानी पड़ी।
          कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि गुरू साहब जी के 550 साला प्रकाश पर्व के पवित्र के मौके पर होने वाले समागम साझे तौर पर मनाने के लिए वह कई महीनों से शिरोमणि कमेटी को निजी तौर पर अपीलें कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली अपनी नेतागीरी जमाने के लिए उनके द्वारा किये जा रहे यत्नों को रास्ते से उतारने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे अकाली अपने राजनैतिक हित पूर्ण करने के लिए हमेशा ही धर्म का शोषण करते आए हैं परन्तु फिर भी वह आशा करते थे कि 550वें प्रकाश पर्व के ऐतिहासिक मौके पर शायद अकाली कुछ बुद्धिमत्ता दिखाऐ। उन्होंने कहा,‘‘अकालियों को जब अपने राजनैतिक हित नजऱ आते हैं तो फिर इनको कोई शर्म नहीं आती।’’
          कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जिस ढंग से अकाली लीडरशिप शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अलग समागम के लिए प्रधान मंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों को न्योता देने के लिए गई थी, उससे ही इनके घृणित इरादे स्पष्ट हो जाते हैं।
          कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा,‘‘यदि अपने लाभ के लिए धार्मिक समागमों को हाइजैक करने के लिए यह निराशाजनक कोशिश नहीं है तो यह और क्या है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री और राष्ट्रपति के बिना पुष्टि वाले प्रोग्रामों का ऐलान करके हरसिमरत ने इन दोनों सर्वोच्च पदों के गौरव को चोट पहुंचायी है। उन्होंने कहा कि इन दोनों शख्सियतों के प्रोग्राम जारी करने का काम प्रधान मंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति भवन का है परन्तु हरसिमरत ने बड़े गलत ढंग से तय प्रोटोकोल का उल्लंघन करके केंद्र सरकार में अपनी अनुपस्थिति का प्रगटावा किया है। उन्होंने कहा कि यदि उसकी केंद्र में सचमुच ही महत्वपूर्ण भूमिका है तो उसने केंद्रीय मंत्री के तौर पर राज्य के लोगों के लिए क्यों नहीं कुछ किया।
          मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली तो उनकी सरकार द्वारा किये जा रहे हरेक काम का लाभ लेने के लिए तड़प रहे हैं परन्तु उनको उम्मीद थी कि कम-से-कम अकाली इस ऐतिहासिक और पवित्र मसले पर ही कोई जि़म्मेदारी भरा रवैया अपनाते। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि हरसिमरत बादल और उसके परिवार ने शिष्टाचार और मान-सम्मान का आंचल छोड़ दिया है।