राज्य में सीधी बीजाई के तहत 25 प्रतिशत क्षेत्रफल आऐगा – पन्नू
राज्य सरकार द्वारा 40 से 50 प्रतिशत सब्सिडी पर सीधी बीजाई वाली 4000 मशीनें और धान की फ़सल लगाने वाली 800 मशीनें किसानों को देने की मंजूरी
चंडीगढ़, 7 जून:
कोरोनावायरस की महामारी के दरमियान मज़दूरों की कमी की समस्या से निपटने के लिए पंजाब के किसानों ने इस साल धान की रिवायती बीजाई की बजाय सीधी बीजाई को भरपूर प्रोत्साहन दिया है जिससे राज्य में धान का 25 प्रतिशत क्षेत्रफल इस नवीनतम प्रौद्यौगिकी के तहत आने की संभावना है। यह कदम जहाँ मज़दूरों के खर्चे रूप में कटौती लायेगा, वहीं पानी की बचत के लिए भी बहुत सहायक होगा।
धान की सीधी बीजाई (डी.एस.आर.) की प्रौद्यौगिकी को उत्साहित करने और किसानों को यह प्रौद्यौगिकी बड़े स्तर पर अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए राज्य के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी पर सीधी बीजाई वाली 4000 मशीनों और धान की फ़सल लगाने वाली 800 मशीनें देने की मंजूरी दे दी है।
कृषि सचिव काहन सिंह पन्नू ने बताया कि पंजाब ने मौजूदा साल के दौरान सीधी बीजाई की तकनीक के तहत लगभग पाँच लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल लाने का लक्ष्य निश्चित किया था परन्तु मज़दूरों की कमी आने और किसानों की तरफ से प्रगतिशील प्रौद्यौगिकी अपनाने के लिए दिखाई गई गहरी रूचि के कारण 6-7 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल इस तकनीक के तहत आने की संभावना है जो पंजाब में धान की कुल बीजाई का 25 प्रतिशत क्षेत्रफल बनता है।
उन्होंने आगे बताया कि सीधी बीजाई की तकनीक पानी की 30 प्रतिशत बचत करने के अलावा धान की लगवाई में प्रति एकड़ 6000 रुपए की कटौती लाने में मददगार साबित होती है। उन्होंने बताया कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की रिपोर्टों और अनुसंधान के मुताबिक सीधी बीजाई वाले धान का झाड़ भी रिवायती तरीके से लगाऐ गए धान के बराबर ही होता है।
श्री पन्नू ने आगे बताया कि कृषि क्षेत्र में धान की बीजाई ही एक ऐसा कार्य है जिसके लिए मज़दूरों की बहुत ज़रूरत पड़ती है और इस साल मज़दूरों की कमी होने के कारण कृषि विभाग ने किसानों को पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की तरफ से हाल ही में की गई सिफारिशों के मुताबिक धान की सीधी बीजाई करने की सलाह दी है। विभाग के मुलाजिमों द्वारा भी बेहतर तरीके से क्षेत्र में जाकर किसानों को नयी प्रौद्यौगिकी संबंधी सीध दी जा रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि इस नयी प्रौद्यौगिकी में सबसे नाजुक पक्ष खरपतावार को कंट्रोल करना है जिस कारण किसानों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा सीधी बीजाई करने से पहले खरपातवारनशक की खरीद ज़रूर की जाये और धान की बीजाई के 24 घंटों के अंदर-अंदर इस का छिडक़ाव किया जाये।
यह बताने योग्य है कि राज्य भर के किसानों द्वारा कुल 27 लाख हैक्टेयक क्षेत्रफल में धान की फ़सल लगाया जाता है जिसमें अधिक गुणवत्ता वाली बासमती की किस्म के नीचे आता 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल भी शामिल है।
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