मुख्यमंत्री ने की थी वर्ष 2022 को सुशासन अंत्योदय उत्थान वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा
मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना अति गरीब परिवारों के लिए बनी वरदान
लगभग 32 हजार से अधिक लाभार्थियों के विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण स्वीकृत, कर रहे स्वरोजगार
जनकल्याण से जुड़ी सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने की मुहिम में और अधिक तीव्रता लाएंगे – मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, 19 सितंबर – मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने 1 जनवरी को वर्ष 2022 को सुशासन अंत्योदय उत्थान वर्ष के रूप में मनाने का जो संकल्प लिया था, उसे केवल 9 माह में ही चरितार्थ कर दिखाया है। आज प्रदेश में अति गरीब परिवारों का आर्थिक उत्थान कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा गया है। इस उद्देश्य के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना ऐसे परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने अंत्योदय उत्थान वर्ष मनाने का जब संकल्प लिया था, तो शायद ही किसी ने सोचा होगा कि उनकी दूरदर्शिता की बदौलत प्रदेश के गरीब व्यक्ति का आर्थिक उत्थान कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना संभव हो सकेगा। लेकिन राज्य सरकार के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप यह संभव हो सका है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य अंत्योदय के सिद्धांत पर चलते हुए ‘सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय’ को चरितार्थ करना है। हम पूरी तत्परता और पारदर्शिता के साथ जनकल्याण से जुड़ी सेवाओं को आमजन तक पहुंचाने की मुहिम में और अधिक तीव्रता लाएंगे। ‘अन्त्योदय’ के आदर्श पर चलते हुए हरियाणा सरकार प्रदेश में उन परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है जो किन्हीं कारणों से पिछड़े रह गए। सभी वर्गों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का उत्थान करने के लिए सरकार ने अपनाया दो तरफा दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना का मुख्य उद्देश्य पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का उत्थान करना है। इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने दो तरफा दृष्टिकोण अपनाया। पहला, पविवार पहचान पत्र फ्लैगशिप योजना के तहत आय सत्यापन के माध्यम से प्रदेश के वास्तविक जरूरतमंद परिवारों की पहचान की गई। इसके बाद इन परिवारों के गरीबी उन्मूलन और वित्तीय समावेशन को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना आरंभ की गई। इसके तहत ऐसे परिवार जिनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से कम है, उनकी आय को बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये करने के प्रयास किए गए हैं।
लगभग 32 हजार से अधिक लाभार्थियों के विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण स्वीकृत, कर रहे स्वरोजगार
मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत प्रदेशभर में तीन चरणों में 7 सितंबर तक 861 अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों का आयोजन किया गया। मेले के लिए चिन्हित एवं आमंत्रित किए गए 3,35,344 लाभार्थियों में से 1,36,130 उपस्थित हुए और विभिन्न ऋण आधारित योजनाओं, कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार सृजन योजनाओं के तहत 76,454 लाभार्थियों के आवेदन सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत किए गए । तत्पश्चात 32,743 हितग्राहियों के ऋण स्वीकृत किए गए , जिनमें से 14,000 का ऋण वितरण भी किया जा चुका है। 436 लाभार्थियों को निजी रोज़गार से जोड़ा गया और 1185 लाभार्थियों को कौशल विकास प्रदान किया गया है
लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार, पहली बार किसी सरकार ने वास्तव में गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति की चिंता की
जिला अम्बाला से अमनप्रीत, कंवरजीत सिंह व श्रीमती रूपा बिचुकले; भिवानी से मोनिका व बबली; चरखी दादरी से सुदेश कुमारी; फरीदाबाद से उदय वीर व आरती; फतेहाबाद से हरजीत सिंह, गुरुग्राम से अनीता व पूजा; हिसार से रिंकू व परशुराम; झज्जर से कृष्णन व राजबीर; जींद से संगीता व सुरेन्द्र सिंह; कैथल से विक्रम; करनाल से अमित गुढ़ा; कुरुक्षेत्र से जीतो देवी, कृष्णा रानी व कृष्णन कुमार; महेन्दगढ़ से अविनाश; नूंह से नजीर अहमद; पलवल से मिथलेश; पंचकूला से संतोषकुमारी व प्रिंस; पानीपत से रानी व चंचल कुमार; रेवाड़ी से इंद्रा सैनी व रश्मि; रोहतक से सुनीता व सतीश; सिरसा से राम निवास व सविता रानी; सोनीपत से सुनील तथा यमुनानगर जिले से प्रवीण कुमारी कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के साथ जुड़कर अपनी कड़ी मेहनत से अपने संघर्षपूण जीवन को बदला है।
सभी लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का इस अनूठी योजना के लिए आभार व्यक्त किया है कि पहली बार किसी सरकार ने वास्तव में गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति की चिंता की है और उनके उत्थान के लिए निरंतर नई नई योजनाएं बना रही है।

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