प्रदेश में उच्चतर शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों के लिए जल्द ही ‘सेल्फ लर्निंग ई.अध्ययन कोर्स माड्यूल’ लागू करने का प्रयास किया जाएगा: प्रो. बृज किशोर कुठियाला

Efforts are being made to introduce ‘Self Learning e-study course module’ soon for the teachers of Higher Education Department in the state: Prof. Brij Kishore Kuthiala

प्रदेश में उच्चतर शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों के लिए जल्द ही ‘सेल्फ लर्निंग ई.अध्ययन कोर्स माड्यूल’ लागू करने का प्रयास किया जाएगा: प्रो. बृज किशोर कुठियाला

चण्डीगढ़ 27, फरवरी-हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि प्रदेश में उच्चतर शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों के लिए जल्द ही ‘सेल्फ लर्निंग ई.अध्ययन कोर्स माड्यूल’ लागू करने का प्रयास किया जाएगा।
वे ‘हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद’ और ‘श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल’ द्वारा ऑनलाइन आयोजित दस दिवसीय ‘सेल्फ लर्निंग ई.अध्ययन कोर्स वेयर फॉर डिजिटल टीचिंग ऑफ टीओटी इन हरियाणा’ नामक पायलट परियोजना के अंतिम दिन समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने पायलट परियोजना के सफल संचालन,मूल्यांकन और प्रतिभागियों के  फीडबैक पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि दिसंबर 2021 तक प्रदेश के सभी प्राध्यापकों को इस परियोजना से जोड़ते हुए प्रमाणीकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि ‘सेल्फ लर्निंग ई.अध्ययन कोर्स माड्यूल’ प्राध्यापक-आधारित बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित प्राध्यापकों को दूसरे प्राध्यापकों को ट्रेनिंग देनी चाहिए। यही नहीं प्रशिक्षण प्राप्त प्राध्यापक अपनी टीम बनाकर ब्रेन-स्टॉर्मिंग करते हुए माड्यूल को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकते है।

इस अवसर पर समापन सत्र में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज नेहरू ने कहा कि प्राध्यापकों को नई तकनीकों के प्रति जागरूक करने एवं नई तकनीकों के संचालन के आवश्यक कौशल देने के लिए इस परियोजना को प्रारंभ किया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागी अपने महाविद्यालयों में इन सीखी गई तकनीकों की सहायता से कक्षा का संचालन करेंगे तो विद्यार्थियों के बीच ऑनलाइन शिक्षा की स्वीकार्यता बढ़ेगी। कार्यक्रम में डॉ. अंशु भारद्वाज, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के सलाहकार श्री के.के अग्निहोत्री,सहायक प्राध्यापक अमरेन्द्र कुमार आर्य, सहायक प्राध्यापिका राधिका प्रजापति, विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक सिद्धार्थ सरकार, प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. चंचल भारद्वाज ने भी अपने विचार रखे।