शिव कुमार बने एचईआरसी के नए सदस्य
चंडीगढ़, 28 अगस्त 2025
हरियाणा के ऊर्जा अनिल विज ने आज हरियाणा सिविल सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) के नव-नियुक्त सदस्य शिव कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.के. सिंह, एचईआरसी के अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा, सदस्य (विधि) मुकेश गर्ग, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल चन्द्र शेखर, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीपीएन) के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार मीणा, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (एचवीपीएनएल) के प्रबंध निदेशक जे. गणेशनन, नवीन एवं नवीनीकरणीय ऊर्जा की निदेशक प्रियंका सोनी, विद्युत लोकपाल आर.के. खन्ना, एचईआरसी के उपनिदेशक मीडिया प्रदीप मलिक सहित बिजली निगमों के वरिष्ठ अधिकारी एवं नव-नियुक्त सदस्य शिव कुमार के परिजन मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि एचईआरसी में एक अध्यक्ष एवं दो सदस्य होते हैं। एक सदस्य का पद रिक्त था, जिस पर आज नई नियुक्ति होने से आयोग का कोरम पूरा हो गया है।
हरियाणा बिजली सुधार अधिनियम, 1997 के तहत 16 अगस्त 1998 को एचईआरसी की स्थापना हुई थी और 17 अगस्त 1998 से आयोग ने विधिवत कार्य करना आरंभ किया था।
गौरतलब है कि उड़ीसा के बाद हरियाणा दूसरा राज्य था जिसने बिजली बोर्डों का पुनर्गठन कर वितरण, प्रसारण और उत्पादन क्षेत्रों को अलग-अलग किया तथा उनके नियमन हेतु एचईआरसी का गठन किया। बाद में जून 2003 में विद्युत अधिनियम, 2003 लागू होने के बाद से आयोग प्रदेश में विद्युत अधिनियम, 2003 की अनुपालना सुनिश्चित करवा रहा है।
बता दें कि शिव कुमार का हरियाणा के कैथल ज़िले के गाँव अहुन में जन्म और पालन-पोषण हुआ। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. और एल.एल.एम. की उपाधि प्राप्त की।
सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर 1991 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में सहायक कमांडेंट के रूप में सेवा प्रारंभ की तथा 14 वर्षों तक सीआईएसएफ में कार्य किया और वरिष्ठ कमांडेंट के पद तक पहुँचे। इसी अवधि में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग में उपनिदेशक के पद पर तीन वर्ष तक कार्य किया।
सन् 2006 से लेकर हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) में चयन होने तक टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के साथ कार्य किया। टीपीडीडीएल में कानूनी, प्रवर्तन एवं सतर्कता विभागों में सेवा दी।
अपने गाँव के इतिहास पर गहन शोध कर ‘अहुन गाँव का इतिहास’ नामक पुस्तक लिखी, जिसमें ऋग्वेद से लेकर पुराणों और महाभारत तक की जड़ों को जोड़ते हुए गाँव के आधुनिक काल तक के विकास का विवरण प्रस्तुत किया।

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