हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. मंगल सैन सादगी के प्रतिमूर्ति थे: मनोहर लाल

Former Deputy Chief Minister of Haryana Dr. Mangal Sen was an epitome of simplicity: Manohar Lal

हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. मंगल सैन सादगी के प्रतिमूर्ति थे: मनोहर लाल

चंडीगढ़, 2 दिसंबर

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. मंगल सैन सादगी के प्रतिमूर्ति थे। मुख्यमंत्री आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक में डॉ. मंगल सैन की 31वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ. मंगल सैन  शोधपीठ के तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘डॉ. मंगल सैन राजनीतिक एवं सामाजिक नायक’ पुस्तक का विमोचन भी किया। इस मौके पर उन्होंने अपने स्वैच्छिक कोष से डॉ. मंगल सैन शोधपीठ के लिए 11 लाख रुपये देने की भी घोषणा की।

          डॉ. मंगल सैन को स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री सैन समाज के लिए ही आजीवन कार्य करते रहे। उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक जीवन में ऐसे प्रतिमान स्थापित किए जिनका अनुसरण करके ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धाजंलि अर्पित कर सकते हैं। उन्हें राष्ट्रवाद व भारतीय संस्कृति के सजग प्रहरी और राजनीति के भीष्म पितामह बताते हुए उनके साथ हुए अपने अनुभवों को सांझा करते हुए कहा कि डॉ. मंगल सैन लोगों के नेता थे । लोगों के दुखों को जानने व उनके सुख-दुख में शामिल होने के लिए वह स्कूटर पर ही निकल जाते थे। एक सामान्य गरीब परिवार में जन्म लेने और कई संकटों को पार करते हुए उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन की यात्रा जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में शुरू की। यह उनके व्यक्तित्व का प्रभाव ही कहा जाएगा कि चौधरी देवीलाल की पार्टी के साथ समझौते के बाद हुए चुनाव में गठबंधन ने हरियाणा की 90 में से 85 सीट जीतकर सरकार बनाई और वह उस सरकार में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बने। हरियाणा में इस दायित्व को निभाने वाले वो पहले व्यक्ति थे।

          उन्होंने कहा कि डॉ. मंगल सैन ने कई बड़े शिक्षण संस्थान स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। चाहे वह रोहतक का लालनाथ कॉलेज हो या मेडिकल कॉलेज  , इन संस्थानों की स्थापना में उनका अहम योगदान रहा। उन्होंने आजीवन अविवाहित रहते हुए समाज के उत्थान के लिए कार्य किया।

          मुख्यमंत्री ने कहा कि वे रोहतक की जनता के मन में बसे थे। पहली बार मैंने उनके दर्शन एक जनसभा में किए थे । वे जनता के नेता थे, जिसके चलते उन्होंने 9 में से 7 बार चुनाव में जीत दर्ज की। वे दो बार भी बहुत ही मामूली अंतर से चुनाव जीतने से रह गये। उनका जीवन लोगों के लिए प्रेरणादायी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उस समय यमुनानगर में संघ का प्रचारक था जब 2 दिसंबर, 1990 की शाम को उनके निधन का दुखद समाचार मिला।

          महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने भी इस मौके पर डॉ. मंगल सैन को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन व किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, पीठ से लवलीन एवं चंडीगढ़ से पीठ के निदेशक सोमनाथ शर्मा के अलावा, विश्वविद्यालय के अनेक विभागों के विभागाध्यक्ष एवं विद्धतजन शामिल हुए।