बीबा हरसिमरत कौर बादल ने डाॅ. जयशंकर यू.ए.ई से सिखों द्वारा पहने जाने वाले कृपाण एवं कटार को हटाने के लिए मजबूर करने के मद्देनजर सिख आस्था के बारे जागरूक करने के लिए बातचीत करने की अपील की

अल्पसंख्यक आयोग और एस.जी.पी.सी का एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त अरब अमीरात भेजने की अपील की ताकि अधिकारियों को समझाया जा सके कि सिखों की आस्था के प्रतीक ककारों को खतरनाक वस्तुओं के रूप में नही देखा जाना चाहिए

चंडीगढ़/07जून 2025

शिरोमणी अकाली दल की वरिष्ठ नेता और बठिंडा की सांसद बीबा हरसिमरत कौर बादल ने आज विदेश मंत्री डाॅ. जयशंकर से अपील की है कि वे संयुक्त अरब अमीरात सरकार से बातचीत शुरू करें ताकि उन्हे पांच ‘ककारों’ विशेष रूप से कृपाण और कटार के धार्मिक महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके ताकि वहां सिखों को  बिना किसी डर यां प्रतिबंध के अपने धर्म का पालन करने की अनुमति मिल सके।

विदेश मंत्री को लिखे पत्र में बठिंडा सांसद ने कहा कि वह यूएई में भारतीय दूतावास द्वारा हाल ही में जारी किए गए परामर्श के मददेनजर यह अपील कर रही हैं , जिसमें भारतीयों को यूएई के दंड कानून अनुच्छेद 405 के मददेनजर देश की यात्रा के दौरान धारदार वस्तुओं को साथ न लाने का निर्देश दिया गया है।

इस कदम से सिख यात्रियों और वहां के रहने वालों को गहरी परेशानी और मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है। उन्होने कहा कि सिखेां को हिरासत में लेने और उनसे कृपाण और कटार उतारने के लिए मजबूर किए जाने के कई मामले सामने आए हैं। उन्होने हाल ही में आबू धाबी में कृपाण और पग पहनने के कारण एक बुजुर्ग व्यक्ति को हिरासत में लिए जाने के एक हालिया मामले का भी हवाला दिया।

बीबा बादल ने पत्र में जोर देकर कहा कि ऐसी घटनाओं ने सिख समुदाय के बीच बेहद परेशानी पैदा कर दी है, क्योंकि ये संयुक्त अरब अमीरात में अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी की सुरक्षा के बारे गंभीर चिंता पैदा करने के अलावा सिखों के अपने धर्म पालन करने के अधिकारों का भी उल्लंघन करती हैं। उन्होने कहा,‘‘ सिख समुदाय ने हमेशा यूएई सहित दुनिया भर के समाजों में सकारात्मक योगदान दिया है और अपने सिद्धांतों के अनुसार अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता की मांग करते हैं।  बीबा बादल ने कहा कि सिखों के पांच ककार, विशेष रूप से कृपाण पहनने के अधिाकार से वंचित करना, धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना है और आपसी सम्मान और अनेकता में एकता के सिद्धांतों के विपरीत है, जिसका भारत हमेशा समर्थन करता  रहा है।’’

बठिंडा सांसद ने श्री एस. जयशंकर से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग और शिरोमणी गुुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रतिनिधियों  को सुयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों से संबंधित अधिकारियों और संबंधित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से बातचीत करने और सिखों के धार्मिक चिन्हों के बारे में जागरूक करने के लिए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का भी अनुरोध किया है।

वरिष्ठ अकाली नेता ने जोर देकर कहा कि कृपाण, पांच क(पंच ककार) में से एक पवित्र प्रतीक और सिखों की पहचान का अविभाज्य हिस्सा है, जिसे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के समय से सिख सिद्धांतों द्वारा जरूरी किया गया है। उन्होने कहा,‘‘ इसका महत्व आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक है जो न्याय को बनाए रखने और उत्पीड़ितों की रक्षा करने के कर्तव्य का प्रतिनिधित्व करता है ना कि यह आक्रमण यां नुकसान पहुंचाने के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कृपाण को अमृतधारी सिखों द्वारा हर समय धार्मिक दायित्व और विवेक के रूप में पहना जाता है।’’