दिल्ली के प्रदूषण के लिए  पंजाब और हरियाणा को दोष देना बंद करे  आप सरकार: सरदारनी हरसिमरत कौर बादल

HARSIMRAT KAUR
ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾ ਕੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸੁਰੱਖਿਅਤ ਭਾਰਤ ਲਿਆਂਦਾ ਜਾਵੇ : ਹਰਸਿਮਰਤ ਕੌਰ ਬਾਦਲ
केंद्र से पराली प्रबंधन के लिए किसानों को रियायती उपकरण उपलब्ध  की अपील की

कहा कि किसानों को पराली का प्रबंधन करने कि लिए 100 रूपये प्रति क्विंटल देने का सुप्रीम कोर्ट का  आदेश तीन साल बाद भी लागू नही किया गया

एम्स में आईपीडी सुविधा शुरू करने की मांग की

चंडीगढ़/10दिसंबर 2021

पूर्व केंद्रीय मंत्री स. हरसिमरत कौर बादल ने आज दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) से कहा है कि वह राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों को जिम्मेदार ठहराना बंद करे तथा उन्होने केंद्र सरकार से किसानों को पराली प्रबंधन करने के लिए रियायती उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की है।

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आज संसद में स. हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यह बेहद हैरानी की बात है कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दावा किए जाने के बाद भी कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण पराली जलाना नही था, आप सरकार ने किसानों को बदनाम करना जारी रखा है। ‘‘ अध्ययनों ने बताया है कि दिल्ली में वायु की गुणवत्ता पर पराली जलने का प्रभाव न के बराबर है और निर्माण गतिविधियों, औद्योगिक उत्सर्जन और वाहनों से होने वाला प्रदूषण राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है’’।

स. बादल ने पर्यावरण मंत्रालय को इस मुददे पर किसानोें  अनुचित निशाना  बनाना बंद कर वाईट पेपर जारी करना चाहिए तथा कहा कि इस मुददे पर किसानों को तंग करना बंद करना चाहिए । स. बादल ने केंद्र से यह भी मांग की कि वह पराली जलाने की प्रथा को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने के लिए किसानों को विकल्प दे।

उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए 100 रूपये प्रति क्विंटल दिया जाना चाहिए, लेकिन तीन साल हो गए और उन्हे एक भी पैसा नही दिया गया है। उन्होने कहा कि इसके विपरीत 2019 में किसानों के खिलाफ पराली जलाने के 2000 मामले दर्ज किए गए तथा उन्हे दंडित किया जाना जारी  रहा।

अपने भाषण में स. बादल ने कहा कि पंजाब में , जहां अकाली दल की अगुवाई वाली पिछली सरकारों ने सबसे अधिक काम किया , जिसमें खेती के लिए मुफ्त बिजली सुनिश्चित करने के अलावा उनकी उपज का विपणन करने में मदद करने के लिए एक ‘मंडी प्रणाली’ बनाना भी शामिल था, लेकिन अब किसानों को पराली जलाने के लिए विकल्प उपलब्ध कराने के लिए कुछ भी नही किया जा रहा। उन्होने कहा कि पिछली अकाली दल की अगुवाई वाली पिछली सरकार के दौरान बठिंडा में पराली से इथेनॉल बनाने के लिए एक परियोजना स्थापित की गई थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

बठिंडा की सांसद ने यह भी बताया कि किस तरह हरित क्रांति में सबसे आगे रहकर पंजाब और हरियाणा ने देश को आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होने कहा कि किसानों ने अपने जल संसाधनों की कमी के कारण इसके लिए भारी कीमत चुकाई थी और वर्तमान में भी किसानों को खेती के सामान की लागत में  भारी बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है। अब ‘‘ किसानों को बदनाम किया जा रहा है, जबकि वास्तविक तथ्य यह है कि वे स्वयं जलवायु परिवर्तन के शिकार हैं जो उनकी उत्पादकता को प्रभावित कर रहा है’’। उन्होने किसानों को पहले रखकर इस मुददे का समाधान खोजने की अपील की।

स. बादल ने एम्स, बठिंडा में इंडोर पेशेंट डिपार्टमेंट (आईपीडी) की सुविधाएं शुरू करने की भी अपील की। उन्होने कहा कि जहां आवश्यक बुनियादी ढ़ांचे का निर्माण किया गया था, लोगों को आईपीडी सुविधाओं का लाभ नही मिल रहा, भले ही पेशेंट (ओपीडी) की सुविधाएं 2019 में शुरू कर दी गई थी। उन्होने कहा कि कोविड एम्स, बठिंडा जिन मरीजों को भर्ती होने की जरूरत थी , उन्हे भी पूरा करने में सक्षम नही था।