उपचारित अपशिष्ट जल के उपयोग के लिए 256 करोड़ रुपये की 31 परियोजनाएं स्वीकृत – मुख्य सचिव
206 करोड़ रुपये की 35 सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को भी दी गई मंजूरी
सभी 22 जिलों के लिए तैयार की गई जिला जल संरक्षण योजनाएं – संजीव कौशल
चंडीगढ़, 25 मार्च – हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को आश्वस्त किया कि हरियाणा सरकार द्वारा भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिए अथक प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार ने जल शक्ति अभियान के लिए 5 स्तंभों पर आधारित रणनीति अपनाई है, इनमें संस्थागत सुधार, नीतिगत हस्तक्षेप, प्रमुख परियोजनाओं व गतिविधियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना, अभिसरण व कार्यान्वयन और शासन शामिल हैं।
श्री संजीव कौशल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए कई संस्थागत व नीतिगत पहल की गई है। एक अनूठी पहल करते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी तरह की पहली महत्वाकांक्षी योजना मेरा पानी – मेरी विरासत की शुरुआत की।
श्री संजीव कौशल ने यह जानकारी आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई जल शक्ति अभियान कैच द रेन (जेएसए- सीटीआर)-2022 अभियान पर सचिवों की समिति (सीओएस) की बैठक के दौरान दी।
श्री राजीव गौबा ने बताया कि राष्ट्रीय जल मिशन, जल शक्ति मंत्रालय देश के सभी जिलों के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर करते हुए ‘जल शक्ति अभियान कैच द रेन- 2022’ को लागू करेगा। यह अभियान 29 मार्च, 2022 को शुरू किया जाएगा और 30 नवंबर, 2022 तक जारी रहेगा।
सभी 18,104 तालाबों की जियो टैगिंग
मुख्य सचिव ने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत हरियाणा तालाब प्राधिकरण ने हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के साथ मिलकर राज्य के 18,104 तालाबों को जियो टैग किया है, जिससे हरियाणा अपने सभी जल निकायों को जियोटैग करने वाला एकमात्र राज्य बन गया है।
इसके अलावा, पानी की बचत को बढ़ावा देने के लिए मिकाडा द्वारा बाढ़ सिंचाई से सूक्ष्म सिंचाई में स्थानांतरित करने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। मिकाडा कृषि के लिए उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने का लक्ष्य बना रहा है और 330 एमएलडी की 31 परियोजनाओं के लिए 256 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
206 करोड़ रुपये की 35 सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृत
मुख्य सचिव ने बताया कि नाबार्ड की 206 करोड़ रुपये की 35 सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं आवंटित की गई हैं, जिससे 3127.27 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा। इसके अलावा, 22941 क्षेत्र को कवर करते हुए 300 करोड़ रुपये के 56 सूक्ष्म सिंचाई कार्यों को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
नदियों के कायाकल्प और बाढ़ नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित कर हरियाणा ने आपदा को अवसर में बदला
मुख्य सचिव ने बताया कि वर्तमान मानसून के मौसम के दौरान, पहली बार रिचार्जिंग हेतु जेएलएन फीडर से अतिरिक्त पानी निकालकर रिचार्ज चैनल में निरंतर पर्याप्त पानी छोड़ा गया, ताकि मानसून के मौसम में उपलब्ध अतिरिक्त पानी का उपयोग किया जा सके। इसके अलावा, इस वर्ष लाल बहादुर शास्त्री रिचार्ज चैनल के माध्यम से लगातार 67 दिनों तक कुल 20274 एकड़ फुट पानी छोड़ा गया था, जिसके परिणामस्वरूप 242.20 मीटर तक डिजाईन किए गए स्तर के मुकाबले वियर गेज 241.0 मीटर के स्तर तक जलाशय भर गया था। इससे लगभग 22 गांवों को भूमिगत जल स्तर में सुधार करने में मदद मिली है।
हरियाणा ने बारिश के पानी को बचाने और संरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया
श्री संजीव कौशल ने बताया कि जल शक्ति अभियान कैच द रेन (जेएसए सीटीआर) के तहत हरियाणा में बारिश के पानी को बचाने और संरक्षित करने पर अधिक बल दिया गया है। राज्यभर में 49,136 वर्षा जल संचयन संरचनाओं, लगभग 8623 पारंपरिक जल निकायों का नवीनीकरण, पुनः उपयोग और पुनर्भरण हेतु 25,921 संरचनाओं और 6238 वॉटरशेड विकास संरचनाओं का निर्माण एवं नवीनीकरण किया गया है।
उन्होंने बताया कि सभी 22 जिलों के लिए जिला जल संरक्षण योजनाएँ तैयार की गई हैं। ये योजनाएँ सूक्ष्म-स्तरीय ग्राम योजनाओं से बनाई गई हैं और इसमें आपूर्ति और मांग हस्तक्षेप और जल संरक्षण के लिए रणनीतिक कार्य योजना दोनों शामिल हैं।
संस्थागत हस्तक्षेप
मुख्य सचिव ने बताया कि विभिन्न योजनाओं के लक्ष्यों के निष्पादन, मूल्यांकन और माप को सुनिश्चित करने के लिए कई संस्थागत सुधार शुरू किए गए हैं। भू-जल और सतही जल के विवेकपूर्ण, न्यायसंगत और कुशल उपयोग के समग्र अवलोकन के लिए 2020 में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण का गठन किया गया था। इसके अलावा, तालाबों के विकास, संरक्षण, कायाकल्प, जीर्णोद्धार और प्रबंधन को बढ़ावा देने तथा निगरानी करने के लिए हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण की भी स्थापना की गई है। इसके अलावा, वर्ष 2020-21 में मिकाडा का गठन भी किया गया था। इसके साथ ही, पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जल संचयन के लिए ‘प्रति बूंद, अधिक फसल’ घटक के तहत एक जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
नीतिगत सुधार
श्री संजीव कौशल ने बताया कि परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए हरियाणा सरकार द्वारा कई नीतिगत सुधार किए गए हैं। सिंचाई उद्देश्यों के लिए वाटर कोर्स के नवीनीकरण, पुनर्वास, पुनर्निर्माण और विस्तार के लिए ‘नई वॉटरकोर्स नीति-2021’ लागू की गई है। इस नीति के तहत, जिस क्षेत्र में भू-जल स्तर 100 फीट या 30 मीटर से कम है, उस क्षेत्र में नलकूपों के लिए नए बिजली कनेक्शन प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा, इसके निर्माण, पुनर्वास के लिए 159 करोड़ रुपये की लगात से 43 कार्यों का प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है।
श्री कौशल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ट्रीटेड वेस्ट वाटर पॉलिसी-2019 को भी लागू किया गया है, जिससे सीवेज के संग्रह और उपचार को अधिकतम करने तथा उपचारित अपशिष्ट जल का स्थायी आधार पर पुनः उपयोग करने की परिकल्पना की गई है, ताकि ताजे पानी के संसाधनों पर निर्भरता कम हो सके। जल संरक्षण के बेहतर परिणामों के लिए राज्य सरकार द्वारा मेरा पानी-मेरी विरासत और अटल भू-जल योजना भी लागू की गई है।
बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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