चंडीगढ़, 1 सितम्बर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नियम, 2016 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की।
राज्य सरकार ने हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम, 2016 और संबंधित नियमों को अधिनियमित किया है ताकि राज्य में एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र सृजित किया जा सके जो कारोबार करने की सहुलियत से मेल खाता हो और साथ ही व्यवसाय करने में होने वाली देरी के साथ-साथ लागत को कम करने के लिए श्रेष्ठ वैश्विक मानकों से भी बेहतर हो। हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड (एचईपीबी) का गठन हरियाणा उद्यम संवर्धन अधिनियम, 2016 की धारा 3 के तहत किया गया है और उक्त अधिनियम की धारा 4 के तहत अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) का गठन किया गया है।
अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समिति के अध्यक्ष हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रशासनिक सचिव समिति के सदस्य-सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी हंै। नगर एवं ग्राम आयोजना, पर्यावरण, वन, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें), वित्त, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, बिजली, शहरी स्थानीय निकाय, श्रम, एचएसआईआईडीसी के महानिदेशक या उद्योग एवं वाणिज्य विभागों के प्रशासनिक सचिव समिति के निदेशक सदस्य हैं।
अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) की प्रमुख भूमिका सरकार की विभिन्न योजनाओं / नीतियों के तहत प्रोत्साहन / विशेष पैकेज के मामलों की जांच करना और हरियाणा उद्यम संवर्धन बोर्ड को इसकी सिफारिश करना है। अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) आगे जीएसटी की प्रतिपूर्ति सहित विशेष पैकेज के लिए मामलों का अनुमोदन एवं सिफारिश करती है। हालांकि, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रशासनिक सचिव अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) के सदस्य नहीं हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रशासनिक सचिव को अधिकार प्राप्त कार्यकारी समिति (ईईसी) के सदस्य के रूप में शामिल करने के लिए हरियाणा उद्यम संवर्धन नियम, 2016 के नियम 4 (1) में संशोधन की आवश्यकता थी।

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