हरियाणा सरकार  ने लगभग 139 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को राज्य के 6 जिलों हेतु स्वीकृत किया

District Drug Controller Officers appointed to ensure adequate supply and proper distribution of Oxygen in all the districts of Haryana

हरियाणा सरकार  ने लगभग 139 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को राज्य के 6 जिलों हेतु स्वीकृत किया

चंडीगढ़, 25 मार्च- हरियाणा सरकार  ने लगभग 139 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को राज्य के 6 जिलों नामत: कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत और गुरुग्राम (मेवात जिले के क्षेत्र सहित) हेतु स्वीकृत किया है। इन स्वीकृत परियोजनाओं से लगभग 7200 पंजीकृत सोसाइटियों को लाभ प्राप्त होगा।

          इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने बताया कि राज्य सरकार के माध्यम से एनसीडीसी द्वारा आईसीडीपी परियोजनाओं को वित्तीय सहायता का अनुदान दिया गया है।

          स्वीकृत परिव्यय का जिलेवार विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि कैथल के लिए 23.40 करोड़ रुपये,  कुरुक्षेत्र के लिए 26.01 करोड़ रुपये, करनाल के लिए 27.78 करोड़ रुपये, पानीपत के लिए 19.58 करोड़ रुपये, सोनीपत के लिए 19.82 करोड़ रुपये और गुरुग्राम (मेवात जिले के क्षेत्र सहित) के लिये 22.35 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जोकि 138.94 करोड़ रुपये है।

          इस योजना के मुख्य उद्देश्य के बारे में जानकारी सांझा करते हुए श्री कौशल ने बताया कि बहुउद्देशीय आत्मनिर्भर संस्थाओं के रूप में प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों का विकास करना, संबद्ध क्षेत्र सहकारी समितियों का विकास करना, सहकारिता के बीच व्यवहार्य कार्यात्मक संबंधों का विकास करना शामिल है। इसी प्रकार, योजना के तहत सहकारिता के विकास के लिए एक क्षेत्र विकास दृष्टिकोण अपनाना और स्थानीय संसाधनों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पूरे चयनित जिले के लिए एक मैक्रो प्लान तैयार किया जाना शामिल है।

          उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट फंडिंग तीन प्रमुख कारकों (i) ऋण, (ii) शेयर पूंजी (iii) सब्सिडी के अंतर्गत है।  ऋण इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं जैसे गोदामों, बैंकिंग काउंटर, परिवहन वाहनों, छोटी प्रसंस्करण इकाइयों आदि के निर्माण के लिए है। शेयर पूंजी इन सोसाइटियों के आधार को मजबूत करने और सोसाइटियों के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए मार्जिन मनी के रूप में है।

          उन्होंने बताया कि परियोजना कार्यान्वयन, जनशक्ति विकास और प्रशिक्षण, निगरानी और प्रोत्साहन के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है और एनसीडीसी और राज्य सरकार के बीच 50:50 आधार पर साझा की जाती है। इसके अलावा, केंद्र सरकार की एएमआई (एग्रीकल्चर मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर) योजना के तहत पीएसीएस / मार्केटिंग सोसाइटी के ग्रामीण गोदामों के लिए 30 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

          इसी तरह, परियोजना की अवधि 4 वर्ष है जिसके दौरान निगरानी सेल द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जाएगी।  जिन राज्यों में परियोजनाएं संख्या में दो से अधिक हैं, राज्य में सभी परियोजनाओं की निगरानी के लिए राज्य स्तर पर एक निगरानी प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।

          कौशल ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य आईसीडीपी के माध्यम से जिले में विकास सहकारी समितियों यानि डीसीसीबी, डीपीसीएआरडी, पीएसीएस, मार्केटिंग सोसायटी, दुग्ध आपूर्ति सोसायटी, औद्योगिक सोसायटी, एल / सी सोसायटी और स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करना है।