पंचकूला जिले के समग्र और समेकित विकास का खाका तैयार 

Manohar Lal gives necessary directions for setting up a 500-bed hospital by the DRDO in Hisar

पंचकूला जिले के समग्र और समेकित विकास का खाका तैयार

चण्डीगढ़, 24 मार्च- हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विजन के अनुरूप पंचकूला जिले के समग्र और समेकित विकास का खाका तैयार कर लिया है। जिले का विकास विभिन्न क्षेत्रों में ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस‘ के तौर पर किया जाएगा, जो पूरी तरह से यहां की पारिस्थितिकी और पर्यावरण के अनुकूल होगा। इसी कड़ी में, एचएमटी पिंजौर में लगभग 50-60 एकड़ भूमि पर फिल्म सिटी विकसित करने की योजना बनाई गई है, मॉडल स्टूडियो विकसित किए जा सकेंगे।

         नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रधान सचिव ए.के. सिंह ने आज एक समीक्षा बैठक के दौरान सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को जिले के एकीकृत विकास के मकसद से क्रियान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

         उन्होंने बताया कि पंचकूला जिला नियोजित क्षेत्रीय विकास का एक ऐसा केन्द्र होगा जहां पर्यटन, मनोरंजन और रिक्रिएशन से लेकर चिकित्सा, औद्योगिक विकास, खेल और आयुर्वेद समेत सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी पूरा फोकस रहेगा। इसके लिए वन, पर्यटन और खेल विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।

         ए.के. सिंह ने बताया कि यहां की कनैक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। ‘पीआर-7’ के तहत पंजाब द्वारा प्रस्तावित सडक़ के माध्यम से चण्डीगढ़ एयरपोर्ट तक कनैक्टिविटी के काम में तेजी लाई जाएगी। इसी कड़ी में सेक्टर-20-21 और सेक्टर-24-26 को जोडऩे के लिए घग्गर नदी पर पुल का निर्माण कार्य जारी है।

         उन्होंने बताया कि एनएच-73 पर रामगढ़ से कनैक्टिविटी के लिए रामगढ़-मुबारकपुर-डेराबस्सी रोड को भी अपग्रेड करने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके अलावा, एनएच-73 पर मोरनी-रायपुररानी रोड और एनएच-73 पर चंडीमन्दिर टी-जंक्शन से मोरनी रोड तक भी सडक़ को चौड़ा किया जाएगा। सेक्टर-32, पंचकूला को पिंजौर में डीएलएफ टाउनशिप से परवाणु के निकट नेशनल हाइवे से जोडक़र भी रामगढ़ की हिमाचल प्रदेश से कनैक्टिविटी की भी योजना है।

         ए.के. सिंह ने बताया कि पर्यटन के लिहाज से यहां कंक्रीट के ढांचों की बजाय अस्थाई और प्रकृति के अनुकूल निर्माण पर बल दिया जाएगा। इसके साथ ही, कैम्पिंग और टैऊकिंग के साथ-साथ थापली वन में पैराग्लाइडिंग की सम्भावनाएं भी तलाशी जाएंगी। उन्होंने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्षेत्र में मौजूद माउंटेन क्वेल, मोरनी और यादवेन्द्र उद्यान, पिंजौर के साथ-साथ रेड बिशप जैसे मौजूदा पर्यटन ढांचे का उपयोग किया जाएगा।

         उन्होंने बताया कि क्षेत्र में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से अस्पतालों के लिए 7 से 10 स्थान चिन्हित किए जाएंगे। मेदान्ता, गुरुग्राम की तर्ज पर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए पीजीआई, चण्डीगढ़ से सहयोग बढ़ाने की भी सम्भावनाएं तलाशी जाएंगी। इसी तरह, यहां एजुकेशन सिटी जैसे संस्थान स्थापित करने की दिशा में भी काम किया जाएगा। उद्योगों की बात करें तो यहां व्हाइट, ग्रीन और ऑरेंज कैटेगरी में आने वाले फार्मा उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा। वहीं, सेक्टर-22 स्थित आईटी पार्क को पूरी क्षमता से चलाने के विकल्पों की भी तलाश की जाएगी। इसके अलावा, बरवाला को इंडस्ट्रीयल टाउनशिप के तौर पर विकसित किया जाएगा।

         बैठक में सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।