‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’पोर्टल के माध्यम से सरकार का मुख्य लक्ष्य किसानों की मदद करना :- जय प्रकाश दलाल
चंडीगढ़, 28 जुलाई- हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’पोर्टल के माध्यम से सरकार का मुख्य लक्ष्य किसानों की मदद करना है। कई बार किसानों की जानकारी के बिना कुछ व्यक्ति जमीन का गलत डाटा पोर्टल पर अॅपलोड कर गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं, ऐसे व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखी जाए। इसके लिए, सही गिरदावरी होना जरूरी है। इसके लिए पटवारी के साथ-साथ नम्बरदारों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। श्री दलाल आज विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।
श्री दलाल ने कहा कि ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’पोर्टल मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की एक महत्वकांक्षी योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुरूप पारदर्शी तरीके से खरीद प्रक्रिया करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पोर्टल पर 31 अगस्त, 2020 तक धान व बाजरे की बोई गई फसल के रकबे की जानकारी अवश्य दर्ज करवाएं। इसकी गिरदावरी में नम्बरदार की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए, क्योंकि नम्बरदार को उसके गांव के बोए गए फसलवार रकबे की जानकारी रहती है। इस मामले में रकबे की स्टीक जानकारी उपलब्ध करवाने वाले नम्बरदारों को प्रोत्साहित भी किया जाए।
श्री दलाल ने कहा कि रबी खरीद सीजन के दौरान सरसों की खरीद में ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर दी जानकारी में कुछ गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, जो खरीफ खरीद सीजन के दौरान, विशेषकर बाजरे व मूंग में नहीं होनी चाहिए। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस पोर्टल की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई जाए, जिसमें कृषि के साथ-साथ राजस्व, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले और अन्य सम्बंधित विभागों के मंत्री व प्रशासनिक सचिवों को बुलाया जाए।
बैठक में कृषि मंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित अध्यादेश ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020’ पर भी अधिकारियों से जानकारी ली। श्री दलाल को इस बात से अवगत करवाया गया कि अध्यादेश के मुख्य पहलूओं में किसान व कारोबारी को अंतर राज्यीय, राज्य के अंदर, मंडियों के बाहर के परिसरों में फसलों की पैदावार को बेचने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करवाना है। इसके लिए किसी भी प्रकार की मार्किट फीस और एचआरडीएफ सेस नहीं लिया जाएगा। इसी प्रकार अगर किसान व कारोबारियों में किसी तरह का विवाद होता है तो उसका समाधान एसडीएम स्तर पर किया जाएगा तथा इसकी अपील क्लैक्टर के पास की जा सकेगी।
बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मुख्य प्रशासक सुश्री सुमेधा कटारिया, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक श्री विजय दहिया के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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