हरियाणा में आईटीआईज़, आईटीओटीज़ एवं प्रशिक्षण केन्द्रों के लिए एसओपी जारी

Haryana issued SOPS for ITIS, ITOTS, Training Centre

हरियाणा में आईटीआईज़, आईटीओटीज़ एवं प्रशिक्षण केन्द्रों के लिए एसओपी जारी

चंडीगढ़, 23 मार्च- हरियाणा सरकार ने राज्य में कौशल प्रशिक्षण पुन: शुरू करने वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों(आईटीआईज़), प्रशिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीओटीज़) और हरियाणा कौशल विकास मिशन एवं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण केन्द्रों को निर्देश दिए हैं कि प्रशिक्षण संचालन के दौरान मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपीएस) का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ताकि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोका जा सके।

         एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, पुलिस महानिदेशक, सभी मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को जारी पत्र में इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

         प्रवक्ता ने बताया कि इन प्रशिक्षण संस्थानों में 22 मार्च,2021 से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है लेकिन विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। उन्होंने बताया कि जिन संस्थानों को खोलने की अनुमति दी गई है, उन्हें केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कौशल या उद्यमिता प्रशिक्षण संस्थानों, उच्चतर शिक्षण संस्थानों तथा ऐसे तकनीकी एवं व्यावसायिक कार्यक्रम जिनमें प्रयोगशालाओं की आवश्यकता होती है, में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जारी किए गए निवारक उपायों का अनिवार्य रूप से अनुपालन करना होगा।

         उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग को सरकार द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग और उच्चतर शिक्षा विभाग के लिए जारी किए गए एसओपीज़ के कार्यान्वयन को भी सुनिश्चित करना होगा।

         प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्तों द्वारा अपने संबंधित जिलों में संयुक्त निरीक्षण दल गठित करने के अतिरिक्त व्यापक जाँच की जाएगी और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उल्लंघनकर्ता को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 के तहत सजा दी जाएगी।