हरियाणा ने आयुष विभाग के आधुनिकीकरण के लिए औषधि सूची प्रणाली शुरू की – आरती सिंह

चंडीगढ़, 15 नवम्बर 2025

हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि आयुष विभाग में दवा प्रबंधन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनाने के लिए ड्रग इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम प्रारंभ किया गया है। इस सिस्टम के माध्यम से दवाओं की उपलब्धता, स्टॉक स्थिति, वितरण और उपयोग संबंधी सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होंगे, जिससे प्रबंधन सरल, आधुनिक और त्रुटिरहित बनेगा। यह कदम आयुष सेवाओं की गुणवत्ता को नई ऊंचाई देगा

हरियाणा सरकार राज्य में आयुष सेवाओं को अधिक सशक्त, पारदर्शी, व्यवस्थित और जनहितकारी बनाने के लिए बड़े और ठोस कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज आयुष क्षेत्र में व्यापक सुधार और आधुनिकीकरण किया जा रहा है, ताकि नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और विश्वसनीय उपचार उपलब्ध हो सके।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि निदेशालय आयुष, हरियाणा द्वारा राज्यभर के सभी आयुष स्वास्थ्य संस्थानों में दवाओं की आपूर्ति को पूर्णतया सुचारू और व्यवस्थित रखने के लिए निरंतर निगरानी की जा रही है। किसी भी संस्थान में दवाओं की कमी न हो—इसके लिए वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया है।

आरती सिंह राव ने बताया कि पूरे हरियाणा की योगशालाओं के सुचारू संचालन के लिए सभी पंचायती राज संस्थाओं को विस्तृत दिशा-निर्देशों सहित पत्र जारी किए गए हैं।

इसके परिणामस्वरूप राज्यभर की योगशालाओं में प्रतिदिन निर्धारित योग दिनचर्या का पालन किया जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग नियमित योगाभ्यास से लाभान्वित हो रहे हैं।

समाज में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ी है और सकारात्मक बदलाव स्पष्ट दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन और सामाजिक समरसता का भी मार्ग है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है। यह विश्वविद्यालय आयुष पद्धति की उच्च स्तरीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण का प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक अवसंरचना और उन्नत शैक्षणिक व्यवस्था के साथ यह विश्वविद्यालय हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत में आयुष शिक्षा के लिए नई पहचान स्थापित करेगा।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का   लक्ष्य है कि हरियाणा में आयुष सेवाएं अधिक सुलभ, सक्षम और प्रभावी हों—और जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।