रंधावा ने अकालियों को चुनौती दी, ‘यदि कोई नैतिकता बची है तो भाजपा के साथ सभी सम्बन्ध तोड़ो’
अकाली नेता मनोहर लाल खट्टर द्वारा रजिन्दर देसूजोधा पर लगाए नशा तस्करी के दोषों सम्बन्धी अपना पक्ष स्पष्ट करें
एस.वाई.एल. मुद्दे पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के पक्ष के बावजूद हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफ़ा क्यों नहीं दिया
चंडीगढ़, 18 अक्तूबर:
हरियाणा के भाजपायी मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से अकाली नेता के नशा तस्करों के साथ संबंधों बारे दिए खुले आम बयान पर बोलते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री और सीनियर कांग्रेसी नेता स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि अकालियों के नशा तस्करों के साथ संबंधों बारे तो अब उसकी हिस्सेदारी पार्टी और नाख़ुन मांस का रिश्ता रखने वाली भाजपा ने भी मोहर लगा दी है।
स. रंधावा ने कहा कि अकाली दल अर्थात बादल परिवार में यदि अब थोड़ी बहुत भी नैतिकता बची हो तो वह भाजपा द्वारा उनकी पार्टी पर लगाए नशा तस्करी के दोषों को देखते हुए भाजपा के साथ अपने सम्बन्ध तोडऩे में समय न लगाते।
सीनियर कांग्रेस नेता ने आज यहाँ जारी एक प्रैस बयान में कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हाल ही में कालांवाली से अकाली नेता रजिन्दर सिंह देसूजोधा पर खुले आम नशा तस्करी के दोष लगाने के बाद अकाली नेता छिपने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अकाली दल के सुप्रीमो प्रकाश सिंह बादल और प्रधान सुखबीर सिंह बादल को भाजपा द्वारा लगाए गए दोषों सम्बन्धी अपना पक्ष स्पष्ट करने की चुनौती भी दी।
अकाली लीडरशिप को भाजपा के साथ सभी रिश्ते तोडऩे की सलाह देते हुए स. रंधावा ने कहा कि एक तरफ़ हरियाणा के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि यदि अकाली दल एस.वाई.एल. के मुद्दे पर हरियाणा के पक्ष पर सहमति प्रकट करते तो भाजपा न सिफऱ् हरियाणा में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठजोड़ बनाए रखती और साथ ही बाद में 2-3 सीटें और दे देती। दूसरी तरफ़ हरसिमरत कौर बादल अब भी भाजपा की सरकार में केंद्रीय मंत्री के तौर पर सेवाएं निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि उस बयान के बावजूद भी हरसिमरत कौर द्वारा इस्तीफ़ा न देने का कारण तो वह ख़ुद ही बता सकते हैं।
स. रंधावा ने अकाली दल को चूहे-बिल्ली के खेल से बाहर आने और भाजपा के साथ सभी राजनैतिक गठजोड़ ख़त्म करने की हिम्मत दिखाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पंजाब के लोगों की कभी भी परवाह नहीं की और न ही करेंगे।

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