जनता के एजेंडा पर काम करने वाली पार्टी ही चखती है जीत का स्वाद: धनखड़
– श्री धनखड़ ने कार्यकर्ताओं को दी व्यक्तिगत टूल डेवलप करने की सलाह
– प्रशिक्षण शिविर में दूसरे दिन नेतृत्व और व्यक्तित्व विकास विषय पर हुई चर्चा
फरीदाबाद, 16 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी के प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन नेतृत्व विकास और व्यक्तित्व विकास विषय पर उद्बोधन करते हुए हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि जो पार्टी जनता के एजेंडे पर काम करती है वही पार्टी जीत का स्वाद चखती है। यही कारण रहा कि पार्टी ने एजेंडा सेट किया तो हम सत्ता में आए। बेहतर लीडरशिप के नाते हमारी सरकार स्टेप बाई स्टेप आगे बढ़ रही है। इस बढ़ते क्रम को जारी रखें, आगे जीत हमारी ही होगी। प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन के पहले सत्र की शुरूआत प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने दीप प्रज्जवलित करके की तथा अध्यक्षता शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने की।
नेतृत्व और व्यक्तित्व विकास विषय पर बोलते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता श्रेष्ठ हैं, इसलिए भाजपा की लीडरशिप पूरी दुनिया में उभर रही है। श्री धनखड़ ने कहा हमें जनता को अच्छा देना चाहिए तभी हम अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। फॉलोअर, नेता और कार्यकर्ताओं के बीच के अंतर को समझाते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि जब नेता कुर्सी पर बैठ जाता है तो उसको फॉलोअर घेर लेते हैं, सरकार चली जाती है तो फॉलोअर भी चले जाते हैं, लेकिन कार्यकर्ता हमेशा नेता का भला सोचता है इसलिए वह डटा रहता है। इसलिए कार्यकर्ता श्रेष्ठ है।
प्रदेश अध्यक्ष ने नेताओं की छवि पर जोर दिया। श्री धनखड़ ने कहा कि अपना सर्वश्रेष्ठ गुण को अभिव्यक्त करना नेता और कार्यकर्ताओं को उभारता है। उन्होंने कहा नेता पहले समझे, फिर समझायें, कम बोले और ज्यादा सुनें, नेता साहसी व सकरात्मक हो। सभी को साथ लेकर चलने वाला हो और सर्वस्पर्शी भी हो। नेता को चाहिए कि कार्यकर्ता का पूरा सम्मान करें और अभिभावक की तरह उसकी देखभाल करे। एक बेस्ट नेता की सोच सदैव पॉजिटिव होनी चाहिए, नेता सहनशील होना चाहिए, विजनरी होना चाहिए, टॉस्क मैनेजमेंट में दक्ष हो और कार्यकर्ताओं को उनके कार्य का श्रेय भी देने वाला बनें।

उन्होंने कहा कि नेतृत्व, व्यक्तित्व और अच्छी छवि नेता के लिए महत्वपूर्ण होती है। हम अपनी छवि खुद बिगाड़ते और सुधारते हैं। हमारे नेता का व्यक्तित्व सुदृढ़ होना चाहिए। नेताओं को विचार, भावना प्रबंधन के टूल विकसित करने चाहिए। एक नेता में विश्वास और नियम दोनों की जरूरत है और इनका इस्तेमाल नियम के हिसाब से करें।
सत्र में उपस्थित नेता व पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताओं को श्री धनखड़ ने कहा कि हमें अपने कार्य पर फोकस रखना चाहिए और काम को लगातार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए तभी हम आगे जीत की तरफ बढ़ सकते हैं। भाजपा ने बड़े दल के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है, बड़े-बड़े आंदोलन किए हैं तब जाकर पार्टी इस मुकाम तक पहुंची है।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज, स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता, कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल, सहकारिता मंत्री बनवारी लाल, महिला व बाल विकास मंत्री, कमलेश ढांडा, ओपी यादव, राज्यमंत्री संदीप सिंह, सांसद संजय भाटिया, नायब सिंह सैनी, चौ. धर्मबीर सिंह, रतनलाल कटारिया, बिजेंद्र सिंह, सुनीता दुग्गल, डा. अरविंद शर्मा, रमेश कौशिक, राज्यसभा सांसद कृष्णपाल पंवार, पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स, पूर्व सांसद डा. सुधा यादव, पूर्व मंत्री विपुल गोयल, प्रदेश महामंत्री वेदपाल एडवोकेट, महामंत्री पवन सैनी, महामंत्री मोहनलाल, संगठन मंत्री रविन्द्र राजू, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सुभाष बराला, पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, पूर्व मंत्री कविता जैन, मनीष ग्रोवर, डा. संजय शर्मा, सह मीडिया प्रमुख अरविन्द सैनी, शमशेर खड़क, संजय आहुजा, राजीव जैन, फरीदाबाद के जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, प्रशिक्षण वर्ग के सह प्रमुख संदीप जोशी, देवेन्द्र चौधरी, विधायक सीमा त्रिखा, नरेंद्र गुप्ता, राजेश नागर, वर्ग सहप्रमुख संदीप जोशी, देवेन्द्र चौधरी, जिला मीडिया प्रभारी विनोद गुप्ता सहित भाजपा के कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित रहे।
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ही अखण्ड भारत का पहला चरण है: महेश शर्मा
राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रमुख एवं एकात्म मार्ग दर्शन एवं संभाग अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष महेश चंद शर्मा ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद विषय पर रखे गए सत्र में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 1947 का बंटवारा उस समय की बहुत बड़ी विभिषिका थी। इस विभाजन विभिषिका का सबसे प्रमुख कारण मजबूत नेतृत्व का ना होना था। उन्होंने कहा कि सात दशक के बाद पहली बार भारत में एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला जिसने इस विभिषिका को समझा और इस बंटवारे को विभिषिका का नाम दिया। अब भारत 14 अगस्त 2022 को इस विभिषिका स्मृति के रूप में मनायेगा। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ही अखण्ड भारत का सार्थक चरण है। इसका पहला चरण अखण्ड भारत और द्वितीय चरण सांस्कृतिक के आधार पर दुनिया के सभी समाजों को जीने का हक मिले। उन्होंने कहा भूसांस्कृतिक राष्ट्रवाद में मानवता का विकास निहित है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में राष्ट्रवाद की कोई परिभाषा नहीं है। अंग्रेजों ने साम्राज्यवाद को जन्म दिया और अलग-अलग नेशन की थ्योरी गढ़ी गई। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक और राजनीतिक फायदे के लिए भारत को एक उपमहाद्वीप कहा गया। संसार में केवल एक ही उपमहाद्वीप है और वह भारत। लेकिन यह सब कूटनीतिक और राजनीतिक स्वार्थ के चलते किया गया। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को अगर पूरी तरह समझा जाये तो वह है भू- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है। पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, बांग्लादेश भारतीय उपमहादीप के भूखंड हैं। जैसे शरीर अलग-अलग अंगों का समूह है वैसे ही विश्व एक राष्ट्रों का समूह है। पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने सत्र की अध्यक्षता की और उन्होंने श्री शर्मा के उद्बोघन के बाद आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक ही मकसद, श्रेष्ठ भारत व अखण्ड भारत: कृष्णपाल गुर्जर
प्रशिक्षण शिविर के तीसरे सत्र में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि श्रेष्ठ भारत और अखण्ड भारत ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एकमात्र मकसद है। पीएम मोदी के नेतृत्व में लोगों के जीवन में काफी बदलाव आया है। दुनिया में भारत की छवि को भी बेहतर बनाने में मोदी के कार्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस तीसरे सत्र की अध्यक्षता पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने की।
कृष्णपाल गुर्जर ने कार्यकताओं से अपील करते हुए कहा कि वे मोदी व मनोहर सरकार द्वारा किये गए विकास कार्यों से आए बदलावों को जनता तक पहुंचाने के ध्वज वाहक बनें। इस मौके पर उन्होंने विपक्ष पर भी तंज कसा और कहा कि विपक्ष के पास गर्व करने के लिए कुछ नहीं हैं। हमारा सौभाग्य है कि हमें नरेंद्र मोदी जैसा नेता मिला जिस पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि आठ साल में मोदी सरकार ने जो काम किए हैं वो 70 साल के इतिहास में पहले कभी भी नहीं हुए। उन्होंने कहा पीएम मोदी जब मीटिंग लेते हैं तो उनके पास सभी का रिपोर्ट कार्ड होता है। पीएम मोदी ने योजनाओं को कागजो में नहीं बनाया बल्कि 100 प्रतिशत तक उस पर काम किया और लोगों तक पहुंचाया है।
देश के आजाद होने के बाद से चली आ रही धारा-370 को हटाने की पिछली किसी सरकार ने हिम्मत नहीं की। सबसे बड़ी बात कि कोई सपने में भी नहीं सोच सकता था कि भारत से धारा-370 समाप्त होगी। लेकिन इस सपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा-370 को हटाकर साकार किया।
कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन तलाक पर काम किया, भगवान का भव्य मंदिर अब बन रहा है, ऐसे अनेक काम जिनमें काशी विश्वनाथ धाम, सोमनाथ मंदिर समेत कई तीर्थ धाम हैं उन सभी का संरक्षण भी सरकार कर रही है।
पिछली सरकारों ने देश में गरीबी हटाओ का नारा तो दिया पर उस पर धरातल पर काम नहीं किया। नरेंद्र मोदी ने जब शपथ ली तो सबसे पहले यही कहा था कि हमारी सरकार सरकार गरीबों की सरकार होगी। पीएम ने योजनाओं को कागजों में नहीं बनाया बल्कि 100 प्रतिशत तक उस पर काम किया और लोगों तक पहुंचाया। मोदी शासन में तीन करोड़ लोगों आवास का लाभ मिला। 35 करोड़ लोगों को लोन की सुविधा उपलब्ध हुई। 45 करोड़ से ज्यादा जन-धन खाते खोले गए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 20 करोड़ महिलाओं के खाते में 500 रुपये डालती है तो पूरा पैसा उन महिलाओं तक पहुंचता है।

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