फूलती नसों को नजरअंदाज करना हो सकता है घातक साबित
वैरिकाज़ नसों के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा करने से हो सकते हैं असहनीय जख्म
यह बीमारी नाडिय़ों में आई खराबी का संकेत है तथा तुरंत इलाज की जरूरत है
अमृतसर, 21 नवंबर ( ): वेरीकोज वेनज तथा नाडिय़ों की सोजिश तथा दर्द की समस्या वाल्व की खराबी के कारण होती है, जिससे खून का प्रवाह गलत दिशा में हो जाता है। फोर्टिस अस्पताल मोहाली के वेस्कूलर सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डा. रावुल जिंदल ने बताया कि इस बीमारी में टांगों की नाडिय़ां फूल जाती हैं तथा इनका रंग नीला या गुलाबी हो जाता है। उन्होंने कहा कि इसका इलाज पहल के आधार पर करवाया जाना चाहिए। इलाज न करवाने पर इसमें दर्दनाक जख्म बन जाते हैं।
डा. जिंदल की अगुवाई में डाक्टरों की टीम ने फोर्टिस अस्पताल मोहाली में अमृतसर से 57 वर्षीय मरीज एन.गुप्ता का इलाज किया, जिसकी बाईं टांग में वैरीकोज वेनज की समस्या थी तथा दर्द से उसका बुरा हाल था। बीमारी के कारण उसकी टांग की चमड़ी काली होनी शुरू हो गई थी। डा. जिंदल ने बताया कि डोपलर अल्ट्रासाउंड टेस्ट से पता लगा कि मरीज के वाल्वज में खराबी है। उन्होंने लेजर टेक्नीक से मरीज की खराब टांग का इलाज किया। जल्द ठीक होने से मरीज को उसी दिन अस्पताल में से छुट्टी दी दी गई। इसके बाद वह बिल्कुल ठीक ठाक है तथा आम जीवन में चल फिर रहा ळै तथा उसको कोई तकलीफ नहीं है।
डा. जिंदल ने बताया कि यह बीमारी शरीर के नाड़ी तंत्र में खराबी का संकेत है। इसके इलाज के लिए तुरंत वेस्कूलर सर्जरी माहिर को दिखाने की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि वैरीकोज टांग के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इस बीमारी के लक्ष्णों के बारे बताते हुए डा. जिंदल ने कहा कि शुरूआत में इस से टांग पर खारिश तथा भारीपन महसूस होता है। उन्होंनेे कहा कि कई केसों में टकने के ऊपरी हिस्से में जकडऩ हो जाती है तथा चमड़ी कठोर हो जाती है। कई बार परिवारिक इतिहास कारण भी वैरीकोज पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है।
फोर्टिस अस्पताल द्वारा किए गए इलाज पर डा. रावुल जिंदल का धन्यवाद करते हुए बीमारी से निजात पा चुके एन.गुप्ता ने कहा कि वह अब बिल्कुल तंदरूस्त महसूस करते हैं।

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