लुधियाना, 14 फरवरी 2025
अब तक, एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में 199 मामले, सर्वोच्च न्यायालय में 32 मामले और उच्च न्यायालय में 70 मामले दायर किए गए हैं। इन मामलों में ईआईए (एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट) नोटिफिकेशन, 2006 के प्रावधानों का अनुपालन न करने से संबंधित मामले भी शामिल हैं, जैसा कि परियोजनाओं/गतिविधियों के संबंध में संशोधित किया गया है, जो अन्यथा पूर्व पर्यावरण मंजूरी के लिए पात्र हैं।
यह बात पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा के बजट सत्र में लुधियाना से सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा द्वारा पूछे गए ‘पर्यावरण मंजूरी में देरी’ पर एक सवाल के जवाब में कही है।
आज एक बयान में अरोड़ा ने कहा कि मंत्री ने अपने उत्तर में उल्लेख किया है कि भारत सरकार ने पर्यावरण संरक्षण तथा वनों और अन्य राष्ट्रीय संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी और शीघ्र निपटान के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, 2010 लागू किया है।
सरकार कानूनी बाधाओं को दूर करने के लिए उचित प्रक्रिया के अनुसार आवश्यक कदम उठा रही है। इसके अलावा, मंत्रालय ने हाल ही में, तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए कई प्रणालीगत सुधार किए हैं, परिवेश (ऑनलाइन समाधान प्रदान करने वाला सिंगल विंडो पोर्टल) पोर्टल को अपग्रेड किया है और ईआईए नोटिफिकेशन 2006 में संशोधन के माध्यम से नीति सुधार किए हैं जैसे खनन, सिंचाई और बिजली परियोजनाओं के लिए स्टेट एनवायर्नमेंटल इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटीज (एसईआईएज़) को अधिकार सौंपना, टर्म्स ऑफ़ रेफेरेंस (टीओआर) को स्टैंडर्डाइज करना, टीओआर/ईसी की वैधता बढ़ाना, टीओआर अप्रूवल से पहले बेसलाइन डेटा संग्रह में लचीलापन देना और पब्लिक हियरिंग प्रोसेस में सुधार करना।
मंत्री के उत्तर में यह भी उल्लेख किया गया कि भारत सरकार ने एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट (ईआईए) नोटिफिकेशन, 2006 जारी की है। उक्त अधिसूचना के अनुसार, अधिसूचना की अनुसूची में सूचीबद्ध नई परियोजनाओं या गतिविधियों का निर्माण या मौजूदा परियोजनाओं या गतिविधियों का विस्तार या आधुनिकीकरण, जिसमें प्रक्रिया और/या प्रौद्योगिकी में परिवर्तन के साथ क्षमता वृद्धि शामिल है, भारत के किसी भी हिस्से में केंद्र सरकार से पूर्व पर्यावरणीय मंजूरी के बाद ही किया जाएगा या जैसा भी मामला हो, केंद्र सरकार द्वारा विधिवत गठित स्टेट लेवल एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी द्वारा किया जाएगा। केंद्र सरकार या स्टेट एनवायर्नमेंटल इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटीज (एसईआईएज़) द्वारा दी गई पर्यावरणीय मंजूरी उक्त अधिसूचना में निर्धारित विस्तृत प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही जारी की जाती है।

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