शिरोमणी अकाली दल को शिकार बनाने के लिए चापलूस अधिकारी द्वारा की राजनीतिक जांच के लिए मुख्यमंत्री तथा उनके कैबिनेट सहयोगियों के इस्तीफे की मांग की
कहा कि मामले पर राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री के साथ साथ कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ कार्रवाइ होनी चाहिए: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया
कहा कि आप नेता हरपाल चीमा भी पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप को बचाने के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर काम कर रहे
चंडीगढ़/26अप्रैल , 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का राजनीतिक जांच का नेतृत्व करने के लिए तत्काल इस्तीफे की मांग की, जिसके निष्कर्षों को हाईकोर्ट ने दुर्भावनापूर्ण, तर्कहीन तथा बेतुका करार दिया था।
यहां एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि इस मामले में चार्जशीट तैयार करने के लिए मीटिंग करने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू, सुखजिदंर रंधावा, तृप्त बाजवा, कुशलदीप सिह ढ़िल्लों शामिल हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री तथा कैबिनेट मंत्रियों को जहां तुरंत कागजात लगाने चाहिए , वहीं मामले पर राजनीति करने वाले सभी नेताओं के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
श्री बिक्रम मजीठिया ने कहा कि पूर्व आईजी कुवंर विजय प्रताप को मुख्यमंत्री तथा उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने चुना था। उन्होने कहा कि जब यह सिट बनाई गई तब नवजोत सिद्धू गठबंधन का हिस्सा थे तथा श्रीमती नवजोत कौर सिद्धू मुख्य संसदीय सचिव थी। उन्होने कहा कि इसके बावजूद वे अब इस मुददे पर राजनीति कर रहे हैं। ‘कैबिनेट मंत्रियों और अन्य नेताओं ने भी भी दागी पुलिस अधिकारी के साथ मीटिंगें की ताकि एसआईटी को इस मामले में काम करने के बजाय शिरोमणी अकाली दल को फंसाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सके।
श्री मजीठिया ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल चीमा भी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि शिरोमणी अकाली दल को निशाना बनाया जा सके तथा साथ ही हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद, पूर्व आई जी कुवंर विजय प्रताप का सरंक्षण किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इससे पहले भी आप ने एस.आई. टी से पुलिस अधिकारी के तबादल की समीक्षा की मांग के लिए अप्रैल 2019 में चुनाव आयोग से भी संपर्क करके पूर्व आईजी के बचाव के लिए कांग्रेस के साथ मिलीभगत की थी।
अकाली नेता ने सुखपाल खैहरा तथा बलजीत सिंह दादूवाल जैसी पृथक ताकतों के प्रयासों की भी निंदा की कि वे धन तथा राजनीति के लिए पंथक एकता के नाम पर राज्य का माहौल खराब करने के लिए एक साथ

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