कुछ मेडीकल समस्याएं भी बनती हैं बांझपन का सबसे कारण: गुलप्रीत बेदी
चंडीगढ़, 5 दिसंबर 2021
इंडियन सोसायटी फॉर असिस्टेड रिप्रोडक्शन (आईएसएआर) की चंडीगढ़ शाखा द्वारा आईएसएआर की राष्ट्रीय इकाई के सहयोग से ‘इनफर्टिलिटी-सर्विलज एंड टर्विलज’ विषय पर कान्फ्रेंस करवाई, जिसमें चंडीगढ़ के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, मुंबई, पूणे, भोपाल तथा लखनऊ से करीब 150 डाक्टरों ने हिस्सा लिया।
और पढ़ें :-भाजपा मुझे खरीदना चाहती थी : भगवंत मान
कान्फ्रेंस दौरान आईएसएआर की चंडीगढ़ इकाई की सचिव डा. पूजा मेहता ने कहा कि महिलाओं के जीवन में बढ़ रहे तनाव के कारण हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिस कारण बांझपन की समस्या आती है, इसके अलावा शराब, धूम्रपान तथा नशीले पदार्थों के प्रयोग तथा व्यायाम की कमी के कारण बांझपन की समस्या आती है।
आईएसएआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. प्रकाश त्रिवेदी ने कान्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए कहा कि महिलाओं को लगातार अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए। उनको खून की जांच के अलावा अल्ट्रा साउंड, पेप समीअर, सोनो मेमोग्राम जैसे टेस्ट भी करवाने चाहिए।
आईएसएआर की चंडीगढ़ इकाई की अध्यक्ष डा. गुलप्रीत बेदी ने कान्फ्रेंस में आए सभी मेहमानों तथा डेलीगेटों का स्वागत करते हुए कहा कि महिलाओं में टयूबें बंद होना, तपदिक जैसे संक्रमण वाली बीमारियां, उवरी का कमजोर होना तथा बच्चेदानी का संक्रमण बांझपन के मुख्य कारण है। उपाध्यक्ष डा. निर्मल भसीन ने बांझपन के कानूनी पक्षों पर प्रकाश डाला, जो मेडीकल समस्याओं के साथ जुड़े हुए हैं।
संस्था के राष्ट्रीय सचिव डा. केदार गनला ने कहा कि बांझपन के लिए अकसर महिलाओं को जिम्मेदार समझा जाता है, पर पुरुष भी बराबर के जिम्मेदार होते हैं, क्योंकि कई बार उनमें शुक्राणुओं की कमी होती है। इस कान्फ्रेंस में चंडीगढ़ शाखा से संस्था की कोषाध्यक्ष डा. रिम्मी सिंगला, ज्वाइंट सचिव डा. परमिंदर सेठी तथा लाइब्रेरियन डा. सुनीता चंद्रा ने भी शिरकत की।
विचार विमर्श दौरान डा. अनुपम गोयल, डा. कुंदन इंगले, डा. दिलप्रीत संधू, डा. सुनीता अरोड़ा, डा. सुनील जिंदल, डा. मनीष मचावे, डा. सुलभा अरोड़ा, डा. रीति मेहरा, डा. सीमा पांडे तथा अन्यों ने हिस्सा लिया तथा बांझपन के बहुत सारे पक्षों पर चर्चा की।

English






