सरदार सुखबीर सिंह बादल ने उन्हे वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया और बटाला से उम्मीदवार घोषित किया
छोटेपुर ने पंजाबियत और पंथक एकता की जोरदार अपील की फूलका, खेड़ा, धर्मबीर गांधी , मैं और हर विधायक पंजाब और पंजाबियों के लिए केजरीवाल की नफरत का शिकार हैं
चंडीगढ़/09दिसंबर 2021
शिरोमणी अकाली दल को आज अकाली दल पार्टी में पुराना अकाली यौद्धा और पूर्व संयोजक , जत्थेदार सुच्चा सिंह छोटेपुर के पार्टी में शामिल होने से पार्टी को बहुत बड़ा समर्थन मिला, जो क्षेत्रीय आकांक्षाओं को मजबत करने और पंजाब को कमजोर करने की साजिशों को हराने के लिए पार्टी में शामिल हो गया।
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पंथक राजनीति, शांति और साम्प्रदायिक सदभाव के सबसे प्रमुख चैंपियन माने जाने वाले जत्थेदार छोटेपुर ने सीधे तौर पर ‘‘ सभी पंजाबियों, पंथक ताकतों को एकजुट होने के लिए अकाली दल के झंडे के तले तीन तरफा हमले को हराने के लिए एक उत्साही और भावनात्मक अपील की ,ताकि बाहरी लोगों द्वारा ‘‘ पंजाबियत और पंथक जज्बे को परास्त ’’ करने के शातिर त्रिआयामी हमले को परास्त हराया जा सके। जत्थेदार छोटेपुर ने कहा कि अकेले शिरोमणी अकाली दल ही पंजाब और पंजाबियों को कांग्रेस, भाजपा और आप, बाहरी लोगों के सभी बाहरी दलों द्वारा शोषण से बचा सकता है।
1986 में श्री हरमंदिर साहिब में पुलिस का प्रवेश का विरोध करने के लिए बरनाला कैबिनेट छोड़ने वाले पारंपरिक अकाली नेता को पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने अकाली दल का वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। इस अवसर पर पार्टी अध्यक्ष ने बटाला हलके से उनकी उम्मीदवारी की भी घोषणा की।
सरदार बादल ने उनका ‘‘अपनी माँ पार्टी ’’ में उनका स्वागत करते हुए जत्थेदार छोटेपुर की अकाली दल में वापसी को पंथक ताकतों की मजबूती और पंजाब में शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द्र की भावना का प्रतीक करार दिया। ‘‘ छोटेपुर साहिब हमेशा से ही पंजाबी गौरव के हिमायती रहे हैं और उन्होने राज्य के लोगों को साम्प्रदायिक आधार पर बांटने की बाहरी लोगों की साजिशों को बेनकाब करने का सबसे ज्यादा काम किया है। मुझे आज इस बात का गहरा संतोष है कि जब मैं पार्टी का मुख्य सेवादार हूं ,तो सभी एकता के हिमायती अपनी मां पार्टी में वापिस आ गए हैं’’। इस अवसर पर लखबीर सिंह लोधीनंगल, गुरचरण सिंह बब्बेहाली भी मौजूद थे। जत्थेदार छोटेपुर के साथ अकाली नेता जत्थेदार मोहन सिंह तूर के पोते अमरिंदर सिंह तूर भी पार्टी में शामिल हुए।
इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए जत्थेदार छोटेपुर ने कहा कि पंजाब की अनूठी सांस्कृतिक पहचान के साथ साथ शांति, प्रगति और समृद्धि का भविष्य, गैर पंजाबी, शातिर ‘‘ आक्रमणकारियों’’(धाड़वी) द्वारा तीन तरफा हमले का खतरा है। कांग्रेस, भाजपा और आप तीनों ने न केवल दो भाईचारे , सिख और हिंदूओं, के बीच विभाजन , नफरत और गलतफहमी पैदा करके पंजाब के बंटवारा पैदा करना चाहते हैं। जत्थेदार छोटेपुर ने कहा,‘‘ हिंदू , सिख सदभाव और पंथक एकता पवित्र सिद्धांत हैं और पंजाबी बच्चों और युवाऔं को समृद्ध भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए समय की पहली और महत्वपूर्ण आवश्यकता है’’।
जत्थेदार छोटेपुर ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल की दिलचस्पी खुद मुख्यमंत्री बनने में हैं। ‘‘ यही कारण है कि वह भगवंत मान और हरपाल चीमा के साथ मंच पर बैठते हैं, तथा कहा कि पार्टी एक काबिल व्यक्ति की तलाश कर रही है’’। पूछे जाने पर वरिष्ठ नेता ने कहा कि विदेशों में प्रवासियों से इकटठा किया गया सारा पैसा दिल्ली में खातों में जमा कर दिया गया और ईडी की जांच कराई जानी चाहिए कि इन फंडों का गबन कैसे किया गया।
जत्थेदार छोटेपुर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल से पंजाब और पंजाबियों से नफरत करते हैं, और आप में हर उस पंजाबी नेता का अपमान करते हैं, जो राज्य के पक्ष में अपनी आवाज उठाने की कोशिश करता है। ‘‘ वह सिर्फ अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए पंजाब और पंजाबियों का इस्तेमाल करना और उन्हे अपशब्द बोलता है।
जिसने भी केजरीवाल को पंजाबियों के स्वाभिमान और मर्यादा को ठेस न पहंुचाने के लिए कहा, उसे न केवल दरवाजा दिखाया गया बल्कि सरेआम बेशर्मी से अपमानित किया गया। यही कारण है कि पजंाबी नेताओं जैसे एच.एस. फूलका, धर्मबीर गांधी, सुखपाल खैहरा और यहां तक कि भगवंत मान जैसे सभी पंजाबी नेताओं के साथ गलत व्यवहार किया जाता है। पार्टी के हर विधायक का केजरीवाल द्वारा नियमित रूप से अपमान किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी से पलायन होता है। केजरीवाल अपनी ही पार्टी के भीतर भी पंजाबियों की गरिमा का सम्मान करने के बजाय पंजाब से आप का सफाया देखना पसंद करेंगें। यह आदमी पंजाब से नफरत करने वाला है।

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