शिरोमणी अकाली दल द्वारा किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करके ‘चक्का जाम’ कार्यक्रम को भारी समर्थन

Harsimrat Kaur Bada

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री से पूरे राज्य को एक प्रमुख मंडी (प्रधान बाजार यार्ड) घोषित करने के लिए अध्यादेश पारित करने को कहा

सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों की पीठ में छूरा घोंपा है

चंडीगढ़/25सितंबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए ‘चक्का जाम’ कार्यक्रम के तहत राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किए, क्योंकि उन्होने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ंिसह से तत्काल कैबिनेट की मीटिंग बुलाने और पंजाब में केंद्रीय कृषि विधेयकों को सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य को एक मंडी (प्रमुख मंडी यार्ड) घोषित करने के लिए अध्यादेश पारित करने के लिए कहा है।

शिरोमणी अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने किसानों,खेत मजदूरों, और आढ़तियों के साथ राज्य के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन किया और किसानों को आश्वासन दिया कि पार्टी उनके साथ कोई भेदभाव नही होने देगी। उन्होने कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे सभी दलों और संगठनों को किसानों के साथ एकजुट होने की अपील की है।

बादल गांव से टैक्टर रैली का नेतृत्व करने के बाद लंबी में भारी विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को तुरंत कैबिनेट की मीटिंग बुलानी चाहिए और पूरे राज्य को प्रमुख मंडी यार्ड घोषित करने के लिए अध्यादेश लाना चाहिए। उन्होने कहा कि इसके बाद सरकार को अध्यादेश की पुष्टि के लिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। सरदार बादल ने कहा कि ‘मैने दो दिन पहले ही यह प्रस्ताव पेश किया है। सरदार बादल ने बाद में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बचाने के लिए इस पर शीघ्र कार्य करना चाहिए।

शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने किसानों के कल्याण के लिए मगरमच्छ के आंसू बहाने के लिए भी मुख्यमंत्री का पर्दाफाश किया। उन्होने कहा कि यह कैप्टन अमरिंदर सिंह ही थे जिन्होेने अपनी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में निजी मंडियों, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और ई-ट्रेडिंग को बढ़ावा देने के लिए स्टेट एपीएमसी एक्ट में संशोधन किया था। उन्होने कहा कि ‘ हम चाहते हैं कि कांग्रेस सरकार इस संशोधन को रदद करने के लिए विशेष सत्र बुलाए।

सरदार बादल ने यह भी घोषणा की कि अगर कांग्रेस सरकार ने यह कदम नही उठाए तो राज्य में सत्ता में आने के बाद शिरोमणी अकाली दल ऐसा करेगा।

इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने ‘ इको नारा किसान प्यारा’ के बीच कहा कि उन्होने पंजाब की बेटी होने का फर्ज निभाया है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों की पीठ में छूरा घोंपा है। ‘ मुख्यमंत्री को पिछले साल अगस्त से अध्यादेश के बारे में पता था। उनकी सरकार को मिले पत्र के रूप में इसका ठोस सबूत है लेकिन उन्होने किसानो ं के हितों की रक्षा के कदम का विरोध करने की बजाय चुप रहने का फैसला किया था। जबकि मैंने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया जब मुझे अहसास हुआ कि किसानों की शंकाओं का समाधान नही किया जा रहा है। सरदारनी बादल ने कहा कि अगर कैप्टन अमरिंदर ंिसह किसानों को लेकर सचमुच इतने चिंतित हैं तो उन्हे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

अमृतसर में एक विरोध स्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि अगर किसानों को तबाह कर दिया गया तो पूरा प्रदेश तबाह हो जाएगा। उन्होने कहा कि जहां शिरोमणी अकाली दल किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी की है, वहीं कांग्रेस पार्टी दोहरा खेल खेल रही है। ‘ कांग्रेस खुद को किसानों की हितैषी के रूप में दिखाने की कोशिश कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि पंजाब कांग्रेस सरकार ने कॉर्पोरेट्स की एंट्री सुनिश्चित करने के लिए राज्य एपीएमसी एक्ट में संशोधन किया। उन्होने कहा कि इसी तरह कांग्रेस पार्टी ने 2019 के संसदीय चुनावों में अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए एपीएमसी एक्ट को खत्म करने की अपील की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जरूरी वस्तु अधिनियिम में संशोधन करने की बात कही थी।

इस दौरान वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, जनमेजा सिंह सेखों, सिकंदर सिंह मलूका, गुलजार सिंह रणीके, बीबी जागीर कौर, चरनजीत सिंह अटवाल, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, शरनजीत सिंह ढ़िल्लों, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, सुरजीत सिंह रखड़ा तथा यूथ अकाली दल के अध्यक्ष परमबंस सिंह रोमाणा सहित कई नेताओं ने ‘चक्का जाम’ में भाग लिया। इन नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को कृषि विधेयकों पर मौन व्रत अपनाने और किसान समुदाय के समर्थन में बाहर आने सें इंकार करने की भी आलोचना की है।