एमसीएम ने आयुर्वेद पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया

चंडीगढ़ १९ जून २०२१

मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन की चरित्र निर्माण समिति ने ‘आयुष्मान भव- जीवन शैली विकारों के विशेष संदर्भ के साथ आधुनिक जीवन में आयुर्वेद की प्रासंगिकता’ पर एक ऑनलाइन कार्यशाला व जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली यानी आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा के बारे में जागरूक करना और उन्हें विभिन्न जीवनशैली विकारों के लिए आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बताना था। पूरे भारत से और जॉर्डन, फिलीपींस, पाकिस्तान, घाना, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मस्कट ओमान, मिस्र और नाइजीरिया सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों से संकाय, पेशेवरों, शोध विद्वानों सहित 565 से अधिक लोगों ने कार्यशाला के लिए पंजीकरण कराया। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता डॉ एन एस भारद्वाज, संयुक्त निदेशक, आयुष निदेशालय, यूटी चंडीगढ़ ने मन और शरीर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक अनुशासित जीवन शैली के महत्व के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने काम, स्वास्थ्य और पढ़ाई से जुड़े तनाव को दूर करने के लिए योगाभ्यास पर जोर दिया। डॉ. भारद्वाज ने दर्शकों को दैनिक दिनचर्या में ताजे पके भोजन और फलों के सेवन के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने मजबूत प्रतिरक्षा के लिए त्रिफला चूर्ण, अश्वगंधा चूर्ण और गिलोय की गोली का सेवन करने का सुझाव दिया।
प्रधानाचार्य डॉ निशा भार्गव ने बताया कि आयुष मंत्रालय, भारत सरकार लोगों को कोविड19 के खिलाफ लड़ने में मदद करने के लिए जबरदस्त काम कर रही है और दर्शकों से मंत्रालय द्वारा लॉन्च किए गए संजीवनी मोबाइल ऐप को डाउनलोड करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की समृद्ध भारतीय परंपरा समग्र कल्याण को बनाए रखने में लोगों की काफी मदद कर सकती है।