मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ में जूलॉजी विभाग ने इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल और एमसीएम विज्ञान मंच के तत्वावधान में डेरा बस्सी स्थित ग्लोबल अपियरीज इंडिया, का औद्योगिक फ़ील्ड दौरा आयोजित किया। इसके दौरान, ग्लोबल अपियरीज इंडिया के प्रोपराइटर श्री मदन शर्मा ने छात्रों के साथ अपनी उद्यमशीलता के सफ़र की कहानी साझा की और उन्हें स्टार्ट-अप के लिए प्रेरित किया। मधुमक्खी पालन को सरल, सुलभ और सस्ती तकनीक के रूप में संदर्भित करते हुए, श्री शर्मा ने कहा कि मधुमक्खी पालन न केवल शहद और विभिन्न प्रकार के उत्पादों का स्रोत है, बल्कि यह बेहतर परागण और बीज सेटिंग के कारण फसलों की उत्पादकता को भी बढ़ाता है और भारत में मधुमक्खी पालन के विस्तार की व्यापक संभावनाएँ हैं, उन्होंने यह भी बताया कि कई लघु उद्योग मधुमक्खियों एवं मधुमक्खी उत्पादों पर निर्भर हैं। विषय पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने आगे बताया कि मधुमक्खी पालन की सफलता मधुमक्खियों के जीव विज्ञान और व्यवहार एवं उनकी वैज्ञानिक प्रबंधन तकनीकों की उचित समझ पर निर्भर करती है। श्री शर्मा ने छात्रों को अपनी वैज्ञानिक समझ के प्रयोग और उत्पादों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार के लिए जैव प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप की क्षमता का पता लगाने के लिए प्रेरित किया।
प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने छात्रों को उद्योग में व्यावहारिक ज्ञान और अंतर्दृष्टि से लैस करने के लिए जूलॉजी विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह दौरा छात्रों में उद्यमिता को करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करेगा ।
प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने छात्रों को उद्योग में व्यावहारिक ज्ञान और अंतर्दृष्टि से लैस करने के लिए जूलॉजी विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह दौरा छात्रों में उद्यमिता को करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करेगा ।

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