चंडीगढ़
मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ में गृह विज्ञान विभाग ने कपड़े के बैग बनाने पर एक कौशल आधारित कार्यशाला ‘कारीगरी’ का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक बैग के बजाय पर्यावरण के अनुकूल कपड़े के थैलों के उपयोग को बढ़ावा देना था। कॉलेज में गृह विज्ञान विभाग से सुश्री रति अरोड़ा, सहायक प्राध्यापक, इस कार्यशाला के लिए प्रमुख वक्ता रहीं । प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रकार के कपड़े के थैले बनाने की कला सीखी। सुश्री अरोड़ा ने घर पर पुरानी सामग्री का उपयोग करके विभिन्न तकनीकों और डिजाइन का प्रयोग करके टैसल, पोम्पोम, धनुष और कपड़े के हैंगिंग आदि का प्रदर्शन किया। कार्यशाला के अंत में, प्रतिभागियों के कार्य को प्रदर्शित किया गया और सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए विभाग की पहल की सराहना की। उन्होंने छात्राओं को प्लास्टिक बैग के बजाय कपड़े के थैलों का उपयोग करने की आदत अपनाने और प्लास्टिक के पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित किया।
प्रिंसिपल डॉ. निशा भार्गव ने पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए विभाग की पहल की सराहना की। उन्होंने छात्राओं को प्लास्टिक बैग के बजाय कपड़े के थैलों का उपयोग करने की आदत अपनाने और प्लास्टिक के पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित किया।

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