एमसीएम ने ‘फ्रीजिंग मॉलिक्यूल्स इन मोशन’ पर व्याख्यान और स्वच्छ धरा पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया

 कॉलेज की इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के तत्वावधान में मेहर चंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय, चंडीगढ़ में रसायन विज्ञान के स्नातकोत्तर विभाग ने ‘फ्रीजिंग मॉलिक्यूल्स इन मोशन बाय शेडिंग लाइट ऑन देम’ शीर्षक से एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। मोहाली स्थित आईआईएसईआर के रसायन विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. अरिजीत कुमार डे, ने ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। डॉ. डे ने अपना व्याख्यान डॉ. सी.वी. रमन की प्रेरक कहानियों के साथ शुरू किया, जिसमें रमन प्रभाव की अवधारणा और विज्ञान में उनके योगदान को दर्शाया गया था, जिसने उन्हें वर्ष 1930 में नोबल पुरस्कार विजेता बनाया। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि रसायन विज्ञान केंद्रीय विज्ञान है और विभिन्न अंतःविषयों जैसे औषधीय रसायन विज्ञान, जैव रसायन और नैनो प्रौद्योगिकी से अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है । डॉ. डी के व्याख्यान ने ऑप्टिकल ट्रैपिंग के क्षेत्र में अग्रणी कदमों पर जोर दिया जिससे विज्ञान की एक नई शाखा को क्वांटम जीव विज्ञान के रूप में जाना जाता है। उन्होंने फोटोवोल्टिक सामग्री (क्वांटम डॉट्स, पेरोसाइट्स) और फ्लोरोसेंट प्रोटीन के क्षेत्र में चल रहे अपने शोध पर भी चर्चा की। प्रतिभागियों ने व्याख्यान की सराहना की। विभाग ने एमसीएम विज्ञान मंच के तत्वावधान में ‘कीन टू बी क्लीन’ विषय पर पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता भी आयोजित की। प्रतिभागियों ने पोस्टर प्रस्तुत किए जो न केवल मनुष्यों बल्कि अन्य जीवित प्रजातियों के अस्तित्व के लिए स्वच्छ, हरी- भरी धरा के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। विद्यार्थियों ने अपने पोस्टरों के माध्यम से बायोमेडिकल वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, ऑर्गेनिक वेस्ट, ग्लास वेस्ट, पेपर वेस्ट और ई-वेस्ट के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया और स्रोतों के आधार पर कचरा अलग करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने 7R रीथिंक, रिफ़्यूज़, रिड्युज़, रिपेयर, रि- गिफ़्ट, रिसाईकिल अर्थात पुनर्विचार, इनकार, कटौती, मरम्मत, पुनः उपहार और पुनर्चक्रण के महत्व पर भी चर्चा की। विजेताओं को नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
 प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने विभाग के प्रयासों की सराहना की और इस इस तथ्य पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस तरह के प्रयासों से विद्यार्थियों में जागरूकता बढ़ती है और उन्हें विषय को बेहतर तरीके से जानने व समझने में मदद मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि कचरा मुक्त भारत के लिए विद्यार्थियों में इस तरह की जागरूकता और एक स्वस्थ स्वच्छ भारत बनाने की जिम्मेदारी का भाव वास्तव में प्रेरणादायक है।
 पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेता रहे:
 प्रथम: कोमल, प्रियांशी एम.एससी द्वितीय वर्ष (रसायन विज्ञान)
 द्वितीय: अर्चना, वर्षा एम.एससी द्वितीय वर्ष (रसायन विज्ञान)
 तृतीय: तान्या एम.एससी प्रथम वर्ष (गणित)