एमसीएम ने श्रीमती शकुंतला रॉय की जन्मशती के उपलक्ष्य में ‘इंपैक्ट ऑफ टेक्नोलॉजी ऑन सोसाइटी’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया

प्रौद्योगिकी के उस्ताद बनें और मानवीय मूल्यों को अक्षुण्ण रखें: प्रोफेसर रेणु विग

मेहरचंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय, चंडीगढ़ की संस्थापक प्राचार्या श्रीमती शकुंतला रॉय की जन्मशती के उपलक्ष्य में ‘इंपैक्ट ऑफ टेक्नोलॉजी ऑन सोसाइटी’ विषय पर चौथा व्याख्यान आयोजित किया । पंजाब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. रेणु विग ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। चंडीगढ़ डाकघर के वरिष्ठ अधीक्षक श्री हरजिंदर सिंह भट्टी विशिष्ट अतिथि और प्रो. अरुण के. ग्रोवर, प्रोफेसर एमेरिटस, पीईसी, चंडीगढ़, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) प्रीतम पाल और श्री एचआर गंधार, उपाध्यक्ष, डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति, नई दिल्ली, श्रीमती स्नेह महाजन, कॉलेज की द्वितीय प्राचार्या, डॉ. गुरदीप शर्मा, महासचिव, जीजीडीएसडी कॉलेज प्रबंध समिति, हरियाणा, पंजाब और पूर्व पीयू वरिष्ठ सीनेट और सिंडिकेट सदस्य, श्रीमती शकुंतला रॉय की बेटी और दामाद, श्रीमती मंजू गोसाईं और मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) पी के गोसाईं और पुत्र प्रदीप गोसाईं इस अवसर पर विशेष अतिथि थे। श्रीमती रॉय को श्रद्धांजलि के रूप में, उनके शताब्दी वर्ष पर एक विशेष कवर कार्यक्रम के दौरान जारी किया गया। प्रो. अरुण ग्रोवर ने श्रीमती रॉय और उनके परिवार के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव को याद करते हुए उनके साहस, प्रतिबद्धता की भावना एवं एमसीएम को मजबूती से स्थापित करने में कड़ी मेहनत की सराहना की। महान शिक्षाविद् और परोपकारी न्यायमूर्ति मेहर चंद महाजन की स्मृति में समर्पित शिक्षण संस्थान को आकार देने में श्रीमती रॉय की अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए, प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीमती रॉय एक सशक्त महिला थीं, जिन्होंने इस संस्थान को छोटे से पौधे की तरह सींचा अब यह एक वट वृक्ष बन गया है और उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गयी है । श्रीमती रॉय को एमसीएम के एक स्तंभ के रूप में संदर्भित करते हुए, जिन्होंने आज इसे बनाने के लिए अथक परिश्रम किया, डॉ भार्गव ने कहा कि महिला शिक्षा को बढ़ावा देने में उनकी निस्वार्थ सेवा और महत्वपूर्ण भूमिका बेहद महत्वपूर्ण एवं प्रशंसनीय है।
अपने ज्ञानवर्धक व्याख्यान में, प्रो. रेणु विग ने प्रौद्योगिकी में निरंतर विकास पर प्रकाश डालते हुए वायर्ड से वायरलेस तक संचार प्रौद्योगिकी के विकास गाथा साझा की। डेटा प्रौद्योगिकियों, डिजिटल क्रांति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स आदि के उदाहरणों का हवाला देते हुए, प्रो. विग ने बताया कि किस तरह प्रौद्योगिकी ने मनुष्यों के जीने के तरीके पर गहरा प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी द्वारा लाए गए सभी परिवर्तनों के बावजूद, कोई भी मशीन मानव मस्तिष्क का मुकाबला नहीं कर सकती इसलिए मनुष्य की रचनात्मकता और बुद्धि को कोई ख़तरा नहीं है । प्रो. विग ने कहा कि यह मनुष्य पर निर्भर है कि वह तकनीक का गुलाम न बने या उसका उस्ताद बने और मानवीय मूल्यों को कायम रखे। श्री एचआर गांधार ने बड़ी प्रशंसा के साथ श्रीमती रॉय को याद किया और बताया कैसे वह हर प्रतिकूलता को अवसर में बदल दिया करती थीं, उनकी भावना और बौद्धिक क्षमता अद्वितीय थी। उन्होंने इस व्याख्यान श्रृंखला के माध्यम से उनके विचारों को जीवित रखने के लिए कॉलेज की सराहना की। भावाभिभूत श्रीमती मंजू गोसाईं ने श्रीमती रॉय की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम के लिए एमसीएम परिवार को धन्यवाद दिया। कॉलेज की प्रतिष्ठित पूर्व छात्राओं की उत्कृष्ट उपलब्धियों से सुसज्जित एक वीडियो, श्रीमती रॉय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कार्यक्रम के अंत में दिखाया गया ।